मुंबई: शिवसेना और बीजेपी में कौन सच्चा और कौन झूठा है, इसे साबित करने के लिए अब राजनेता कसम खाने लगे हैं. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने बयान में शिवसेना को लेकर कहा कि ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन बंद कमरे के अंदर नहीं दिया था. इसपर शिवसेना नेता संजय राउत ने कसम खाकर कहा कि अमित शाह ने वादा किया था और आज वो मुकर रहे हैं. अमित शाह ऐसा करके स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का अपमान कर रहे हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस समझौते की जानकारी नहीं देकर गुमराह कर रहे हैं.


महाराष्ट्र की राजनीति का ये दुर्भाग्य ही है कि 30 साल के दोस्त मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए एक दूसरे को झूठा बता रहे हैं. इस झूठ को साबित करने के लिए अब उन्हें कसम तक खानी पड़ रही है. दरअसल जिस मुख्यमंत्री पद के वचन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच दरार आई उसकी वजह कौन है ये अब तक साफ नहीं हो पाया है. बीजेपी कह रही है कि शिवसेना ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया तो शिवसेना का आरोप है कि बीजेपी ने वादाखिलाफी की.


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उद्धव ठाकरे और अमित शाह के बीच हुई बातचीत


आखिर मातोश्री में बाल ठाकरे के कमरे के अंदर अमित शाह और उद्धव ठाकरे की बीच क्या बातचीत हुई ये दोनों नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं. लेकिन सूत्र बताते हैं कि 18 फरवरी 2019 को अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के साथ उद्धव ठाकरे से गठबंधन की बात पक्की करने मातोश्री पहुंचे. पहले अमित शाह, देवेंद्र फडनवीस, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के बीच बंगले की निचली मंजिल पर बातचीत हुई.


बातचीत के बाद क्या हुआ?


सूत्रों के मुताबिक बातचीत सकारात्मक होने के बाद उद्धव ठाकरे, अमित शाह को बाल ठाकरे के कमरे में लेकर गए जहां बाल ठाकरे की तस्वीर, उनका सिंहासन, उनकी चप्पल, उनकी किताबें, कार्टून, उनका बिस्तर, कपड़े और दूसरी चीज़ें रखी हैं. ठाकरे परिवार और शिवसेना के लिए ये कमरा एक मंदिर है, जहां उनके 'भगवान' बाल ठाकरे की यादें मौजूद हैं. शिवसेना सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने भी उस दिन उनके दर्शन लिए और उसी कमरे में उद्धव ठाकरे को बाल ठाकरे का सपना पूरा करने का वचन दिया यानी एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाना.


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वहीं बीजेपी ने संजय राउत के बयान को सिरे से खारिज किया है. सायना एनसी ने मुताबिक संजय राउत जो कसम खा कर कह रहे हैं उसमें कोई तथ्य नहीं है. पूरे चुनाव के दौरान अमित शाह और पीएम मोदी ने हर रैली में कहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे, तब इन्होंने विरोध नहीं किया. वो सच बोल रहे हैं तो अमित शाह भी सच ही बोल रहे हैं. कुर्सी की लालच में सालों पुराने गठबंधन का साथ छोड़कर भ्रष्टाचारी पार्टी के साथ हाथ मिला रहे हैं. महाराष्ट्र की जनता शिवसेना को माफ नहीं करेगी.


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