पश्चिम बंगाल और असम में विधनसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होने जा रही है. बीजेपी जहां एक तरफ असम में फिर सत्ता में आने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी सरकार को उखाड़ने की पूरी कोशिश में लगी है. इस बीच, पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कई मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिए.


पूरे देश में एक साथ लागू होगा सीएए


अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में एक साथ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना वैक्सीनेशन का काम जोर-शोर के साथ चल रहा है. संसद से यह कानून पास है और कोरोना के चलते इसके लागू करने में देरी हुई है. गृह मंत्री ने कहा कि हर शरणार्थी को नागरिकता मिलेगी. इसमें किसी को संशय रखने की जरूरत नहीं है.


ममता को सीएए से क्या परेशानी?


अमित शाह ने कहा कि सीएए में नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि जब ममता जी कहती हैं कि सारे लोग नागरिक है फिर नागरिकता का ठप्पा लगने पर उनको तकलीफ क्या है? उन्होंने घुसपैठ पर कहा कि लॉ एंड ऑर्डर राज्य की जिम्मेदारी है. असम में कैमरे लगाए, फेंसिंग की. घुसपैठ तभी रुकेगा जब पुलिस और बीएसएफ मुश्तैद हो. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता दीदी इन चीजों को हल्के में ले रहीं हैं. उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकने केन्द्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार हो, उसकी प्राथमिकता होनी चाहिए.


केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा- “हम विचारधारा नहीं बदल रहे हैं बल्कि जो लोग पार्टी में आ रहे हैं वो हमारी विचारधार को फॉलो कर रहे हैं. मैं मानता हूं कि वह इस आइडियोलॉजी में अपने आपको ढाल लेंगे और हमारे सांचे में ढल जाएंगे.”


अमित शाह ने कहा कि अगर कोई नेता चुनाव से पहले पार्टी बदलता है तो वह बदल सकता है क्योंकि अगले पांच साल का जनादेश लेने जाना होता है. शुभेंदु अधिकारी के बारे में यह जनता तय करेगी कि अब जहां वह है वो सही जगह है या पहले जहां थे वो सही जगह थी. उन्होंने कहा कि नंदीग्राम में यह भी तय हो जाएगा कि अभ जहां पर शुभेंदु हैं वह सही जगह है.