क्या है असम का सब्सिडी घोटाला मामला? जानें कैसे शुरू हुआ विवाद और CM हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी पर क्या हैं आरोप
Assam Subsidy Scam: CM हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी रिंकी भुईयां पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल 50 बीघा से ज्यादा कृषि भूमि खरीदी थी, जिसे एक महीने के अंदर ही औद्योगिक जमीन में परिवर्तित कर दिया गया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी रिंकी भुईयां सरमा ने शनिवार (23 सितंबर) को एक फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि का केस किया है. रिंकी भुईयां का कहना है कि गोगोई ने उन पर फूड प्रोसिंसग प्रोजेक्ट के तहत केंद्र से सब्सिडी लेने के जो आरोप लगाए हैं वह झूठे हैं. वहीं, गौरव गोगोई का आरोप है कि रिंकी भुईयां की प्राइड ईस्ट एटरटेनमेंट कंपनी को केंद्र की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के तहत 10 करोड़ रुपये का लाभ मिला है. गौरव गोगोई लगातार इस मुद्दे पर सरमा परिवार को घेरने में लगे हैं.
गौरव गोगोई के साथ असम में कांग्रेस के और नेताओं ने भी हिमंत बिस्व सरमा परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 11 से 16 सितंबर तक चले असम विधानसभा के सत्र में भी विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया और खूब हंगामा किया. वहीं, हिमंत बिस्व सरमा और उनकी पत्नी लगातार इस बात पर अड़े हैं कि उन्होंने केंद्र से कोई सब्सिडी नहीं ली है.गौरव गोगोई का आरोप है कि हिमंत बिस्व सरमा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पत्नी की कंपनी को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी दिलाने में सहायता की.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
गौरव गोगोई से पहले गुवाहाटी के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म क्रॉसकरंट की रिपोर्ट में रिंकी भुईंया को उनकी कंपनी के जरिए केंद्र सरकार की सब्सिडी का फायदा मिलने का दावा किया गया था. 10 सितंबर को छपी इस रिपोर्ट में कहा गया कि रिंकी भुईयां ने नागांव जिले के कलियाबोर के दारिगाजी गांव में 50 बीघा से ज्यादा एग्रीकल्चर लैंड खरीदी थी, जिसे 1 महीने के अंदर ही इंडस्ट्रियल लैंड में परिवर्तित कर दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया कि रिंकी भुईंया ने इस जमीन पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से सरकारी सब्सिडी ली और प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट कंपनी ने सरकारी सब्सिडी के तहत मिले 10 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जिसकी मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन रिंकी भुईयां हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 22 फरवरी, 2022 को यह प्रॉपर्टी सरमा फैमिली की संपत्ति में शामिल हुई थी.
गौरव गोगोई के क्या हैं आरोप?
क्रॉसकरंट की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए गौरव गोगोई ने 12 सितंबर को X (ट्विटर) पर पोस्ट कर सरमा परिवार पर 10 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ओर से 23 मार्च, 2022 को पेश एक रिपोर्ट भी ट्वीट की, जिसमें सरकार की ओर से असम में किए गए इनवेस्टमेंट की ब्योरा दिया गया था. असम में उद्योगों का बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से यह इनवेस्टमेंट की गई थी. गौरव गोगोई ने लाभार्थियों की लिस्ट में प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट का नाम होने का दावा करते हुए कहा कि 31 जनवरी, 2022 को PMKSY के तहत फूड प्रोसेसिंग के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी गई. उन्होंने कहा, 'सीरियल नंबर 7 पर प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का नाम लिखा है. इसमें स्वीकृत अनुदान सहायता राशि 10 करोड़ रुपये लिखी है. लाभार्थियों की यह लिस्ट खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर भी मौजूद है.' गौरव गोगोई ने बताया कि बीजेपी सांसद पल्लभ लोचन दास के एक सवाल के जवाब में पीयूष गोयल ने यह रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी.
हिमंत बिस्व सरमा और उनकी पत्नी का क्या कहना है?
गौरव गोगोई के आरोपों को हिमंत बिस्व सरमा और रिंकी भुईंया सरमा लगातार झूठा बताते रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें या उनकी किसी कंपनी को सरकारी सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है. 14 सितंबर को हिमंत सरमा ने कहा कि प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट कंपनी ने सरकार की किसान संपदा स्कीम के तहत कोई लाभ नहीं लिया है. वहीं, रिंकी भुईंया ने कहा कि कंपनी से जुड़े सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड सार्वजनिक हैं. उन्होंने कहा कि अच्छे बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड के चलते प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट सरकारी योजनाओं के योग्य है, लेकिन कंपनी ने पीएम किसान संपदा स्कीम के तहत कोई लाभ नहीं लिया है. रिंकी भुईयां ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लिए सभी योग्यताएं होने के बावजूद कंपनी ने स्कीम का एक पैसा नहीं लिया है. साथ ही रिंकी भुईंया ने यह भी कहा कि वह गौरव गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपये के मानहानि का केस करेंगी.
क्या है पीएम किसान संपदा योजना?
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने साल 2016 में कृषि-समुद्री संस्करण और कृषि प्रसंस्करण समूहों का विकास या संपदा नाम से एक योजना शुरू की थी, जिसका नाम 2017 में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना कर दिया गया. खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और फूड प्रोसेसिंग एवं संरक्षण क्षमताओं का निर्माण या विस्तार करने के मकसद से योजना की शुरुआत की गई थी.