'मुझे बस चलते जाना है...', लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी का चुनावी गेम प्लान समझिए
साल 2023 के अंत तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम 100 रैलियों में शामिल हो सकते है. रैली के जरिए बीजेपी उन सीटों को साधने की तैयारी में है, जिसे 2014 और 2019 में नहीं जीत पाई थी.
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. इस चुनाव से पहले जहां सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की मुहिम चला रही है. वहीं दूसरी तरफ अब बीजेपी ने भी उन्हें जवाब देने के लिए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 4 मिनट 30 सेकंड का एक वीडियो जारी किया है. ये वीडियो सभी विपक्षी पार्टियां, खास तौर पर कांग्रेस को जवाब देने की कोशिश है.
इस वीडियो का नाम 'मुझे बस चलते जाना है' रखा गया है. वीडियो की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में लाए गए सभी योजनाओं के बारे में जानकारी देते नजर आ रहे है. इस वीडियो की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा गया है. इसके अलावा सोनिया गांधी और मणिशंकर अय्यर के चाय वाला जुमले को भी टारगेट पर लिया गया है.
मुझे चलते जाना है... pic.twitter.com/1NLvbV7L8y
— BJP (@BJP4India) March 14, 2023
वीडियो के जरिए संदेश, 2024 में सत्ता में वापसी को तैयार बीजेपी
बीजेपी ने इस वीडियो को ऐसे समय में रिलीज किया है. जब कई बड़े नेता बयान दे चुके हैं कि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को इस लोकसभा में हराया जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जारी यह वीडियो उन सभी विपक्षी पार्टियों पर पलटवार की तरह है. इसमें बताया गया है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के अभियान यानी 2024 में सत्ता में वापसी के लिए फिर से तैयार हैं.
हालांकि इस वीडियो में आने वाले लोकसभा चुनाव का कोई जिक्र नहीं किया गया है. लेकिन इस चुनाव में साल 2014 के चुनावों से पहले और साल 2019 के बाद की स्थिति दिखाई गई है. इसके अलावा वह भारत की अर्थव्यवस्था को 5-ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का संकल्प लिया गया.
आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने साल 2024 आम चुनाव के लिए नया टारगेट सेट कर दिया है. इस बार का टारगेट 400 से ज्यादा सीटें जीतने का है, जोकि साल 2019 में 303 थी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीजेपी का चुनावी गेम क्या है.
लोकसभा चुनाव के लिए क्या है बीजेपी का गेम प्लान
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बीजेपी परसेप्शन की लड़ाई में स्पष्ट बढ़त हासिल कर लेगी. इसके अलावा पार्टी अपनी मीडिया टीम में भी और कई पैनलिस्ट को जोड़कर टीम का विस्तार कर सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार साल 2023 के अंत तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम 100 रैलियों में शामिल हो सकते है. पार्टी उन राज्यों में बड़ी परियोजनाओं की घोषणा कर सकती है जहां उन्हें अपना बेस बढ़ाना है.
महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को साधने पर फोकस
इसके अलावा महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने के लिए भी कई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा है कि 2024 के आम चुनावों के लिए भाजपा का खांका लगभग तैयार है.
पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए क्या किया
अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी में से एक छात्रवृत्ति योजनाएं है. यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए है जो आर्थिक संकट के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहें और अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ हैं.
इसके अलावा उस्ताद, हमारी धरोहर, नया सवेरा जैसी कई ऐसी योजनाएं शुरू की जा चुकी है जिसकी मदद से अल्पसंख्यक समुदाय को आगे बढ़ने में मदद मिली है. उस्ताद योजना को औपचारिक रूप से 14 मई, 2015 को शुरू किया गया था.
इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कलाओं/शिल्पों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है. वहीं हमारी धरोहर योजना के कार्यान्वयन से भारतीय संस्कृति की समग्र अवधारणा के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की समृद्ध विरासत को संरक्षित किया जा रहा है.
नियुक्त की गई तीन सदस्यीय टीम
आम चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों कई अहम फैसले लिए. इसके तहत उन्होंने तीन सदस्यीय टीम नियुक्त की. इस टीम में विनोद तावड़े, सुनील बंसल और तरुण चुग शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन तीनों पार्टी महासचिवों के नेतृत्व में बनी टीम 2024 के लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए रणनीतियों पर काम करेगी. इस टीम का काम उन सीटों के बारे में पता लगाना होगा, जहां पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी. या हार गई थी थी. इस टीम की जिम्मेदारी उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने की भी होगी.
चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी का 'प्लान 144'
भारतीय जनता पार्टी ने यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु जैसे राज्यों की 144 सीटों लिए विशेष तैयारी की है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को ज्यादातर इन्हीं सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था.
इन सीटों पर फोकस करने की एक बड़ी वजह ये भी है कि इन 144 सीटों पर पार्टी दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी और उन्हें उम्मीद है अगर इन सीटों पर ध्यान दिया जाता है तो पार्टी इन सीटों को भी हासिल करने में कामयाब हो सकती है. इन सीटों पर पीएम मोदी के करिश्माई चेहरे को भुनाने की कोशिश में पीएम के मेगा रैली की भी तैयारी है.
144 सीटों पर चुनौतियां भी कायम
साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में बीजेपी के लिए साल 2024 चुनाव कई मायने में आसान नहीं है. आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बदली हुई हैं. पिछले 3 सालों में एनडीए के कई साथी हैं जो बीजेपी का साथ छोड़ चुके हैं. रामविलास पासवान की मौत से उबरने में लोक जनशक्ति पार्टी को अभी वक्त लगेगा.
वहीं शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और उसके बाद बिहार में नीतीश कुमार ने जो झटका बीजेपी को दिया है, उसका भी इलाज पार्टी खोज रही है. यही वजह है कि पार्टी इससे पार पाने की पुख्ता रणनीति बना कर चल रही है.
पार्टी में किसकी क्या जिम्मेदारी
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाकर जनता के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज करवाएंगे. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पार्टी की राष्ट्रवादी साख पर अपने अभियान को आगे बढ़ाएंगे और जेपी नड्डा बीजेपी सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं द्वारा लाभार्थियों सहित पार्टी के कार्यक्रमों की निगरानी के लिए सभी राज्यों का दौरा करेंगे.
सूत्रों के अनुसार अमित शाह का हाल ही में किया गया सीमावर्ती राज्यों का दौरा, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाना इसी योजना का हिस्सा था.
कई आउटरीच कार्यक्रम भी शुरू
बीजेपी नेताओं के अनुसार पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर कई आउटरीच कार्यक्रम शुरू किए हैं. इसके अलावा राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर तक की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कुशल नेताओं की जरूरत है. पार्टी को हर स्तर पर नए नेताओं को भी लाना है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि लोकसभा प्रवास कार्यक्रम भी आने वाली पीढ़ी के नेताओं को तैयार करने की ही एक कोशिश है, जो पिछले आठ सालों में पार्टी के विस्तार के तरीकों का प्रैक्टिस कर सकते हैं.
वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “सिर्फ एक मजबूत संगठन ही बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में बनाए रखने में कामयाब हो सकता है. इसलिए संगठन में अधिक मैन पॉवर जोड़ना एक स्वाभाविक कदम है.” केंद्रीय मंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ हाल की बैठकों में अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों ने संगठन को प्राथमिकता देने और मजबूत करने पर जोर दिया था.
यूपी में पहले विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयारी में बीजेपी
साल 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी थी. 80 सीटों वाले इस अहम राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए बीजेपी ने यहां कई योजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है.
राज्य में अपनी सुनिश्चित करने के लिए पार्टी में जिला स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है. राज्य के 75 जिलों को तीन हिस्सों में बांटकर बड़े तीनों नेताओं सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने जिम्मेदारी ले ली है. ये तीनों नेता जिलावार पार्टी को मजबूत करने की योजना पर काम कर रहे हैं. वहीं बीजेपी ने जिलों के उन इलाकों को चिह्नित किया है, जहां पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव 2019 और यूपी चुनाव 2022 के दौरान खराब रहा था.
ये नेता यूपी के उन तमाम इलाकों में बूथ स्तरीय कमेटी की बैठक कर घर-घर जाकर पार्टी की नीतियों को पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.
बीजेपी की मुझे चलते जाना है वीडियो में क्या दिखाया गया है
इस वीडियो का शुरुआत में पीएम मोदी अपना झोला लेकर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. उस झोले में से वह लोगों के सामने आते जाते हैं और उनकी परेशानी के निवारण के तौर पर अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं निकालते हैं. इसके अलावा वीडियो में पीएम स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत को भी दिखाया. इसे दिखाते वक्त वह अपने हाथ से कचरा उठाते नजर आ रहे हैं.
वीडियो में एक औरत नजर आती हैं, वह चूल्हे पर खाना बना रही है और धुएं के कारण खांस रही है. उन्हें देखते हुए पीएम मोदी उज्ज्वला योजना पेश करते हैं जिससे महिला के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. इसी तरह एक पीड़ित बुजुर्ग दंपत्ति के हाथों में गेहूं, चावल (मुफ्त राशन योजना) और फिर पीएम आवास योजना, जन धन, बीमा योजना आदि का उल्लेख किया जाता है. अचानक पीएम मोदी हथौड़ा मारकर हर घर के लिए जल मुहैया करा देते हैं.