सिसोदिया, संजय सिंह और अब अरविंद केजरीवाल, जानें क्या है दिल्ली की शराब नीति और पूरा मामला
17 नवंबर, 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की गई थी, लेकिन जल्द ही यह विवादों में आ गई. नीति के कार्यान्वयन में प्रक्रियात्मक खामियों का आरोप लगाया गया और 30 जुलाई, 2022 को इसे वापस ले लिया गया.
दिल्ली की शराब नीति आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए हर रोज नई मुसीबत लेकर आ रही है. एक के बाद एक आप नेता जांच एजेंसियों की रडार पर हैं. 5 अक्टूबर को राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर हैं. ईडी ने उन्हें समन जारी कर 2 नवंबर को पेश होने को कहा है. इससे पहले अप्रैल में सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. उधर, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए माना कि जांच एजेंसियों ने उन पर 338 करोड़ रुपये के लेन-देन को अस्थाई रूप से साबित किया है. आइए जानते हैं क्या है दिल्ली की शराब नीति, जिसकी वजह से बढ़ती जा रहीं आप सरकार की दिक्कतें-
क्या थी दिल्ली की शराब नीति?
रेवेन्यू बढ़ाने और दिल्ली में शराब की कालाबजारी पर लगाम लगाने के मकसद से अरविंद केजरीवाल की सरकार नई शराब नीति लेकर आई थी, लेकिन अब यह आप के गले की हड्डी बनती जा रही है. नीति को हटाए जाने के बाद भी मुसीबत आप नेताओं का पीछा नहीं छोड़ रही. 17 नवंबर, 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की गई, लेकिन जल्द ही यह विवादों में आ गई और 30 जुलाई, 2022 को सरकार ने इसे वापस ले लिया. आप सरकार ने नीति लागू करने के पीछे तर्क दिया कि इससे रेवेन्यू बढ़ेगा और ब्लैक मार्केटिंग पर भी लगाम लगेगी. यह भी कहा गया कि ग्राहकों के लिए भी नीति फायदेमंद होगी. पॉलिसी के तहत, शराब की दुकानें आधी रात को भी खुली रह सकती थीं और स्टोर अपने हिसाब से आकर्षक ऑफर देकर शराब की बिक्री कर सकते थे. पॉलिसी के तहत शराब की सभी दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. इसमें 32 जोन बनाए गए और हर जोन में 27 दुकानें खोली जा सकती थीं. इस तरह कुल 849 दुकानें खोली जानी थीं. नई शराब नीति के तहत लाइसेंस की फीस भी बढ़ाकर 25 लाख से 5 करोड़ रुपये कर दी गई.
कैसे शुरू हुई जांच
नई शराब नीति लागू होने के साथ ही यह विवादों में आ गई और इसमें गड़बड़ियों की शिकायत की गई. लाइसेंस के दामों में बढ़ोतरी, कैबिनेट और उपराज्यपाल को बिना बताए नीति में फेरबदल और पैसों की हेराफेरी की शिकायतें की गईं और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी नीति को लेकर खूब सवाल खड़े किए. गड़बड़ियों की शिकायतों पर जांच शुरू हुई और 8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की और 17 अगस्त, 2022 को केस दर्ज कर लिया गया. नीति में पैसों की हेराफेरी भी हुई थी इसलिए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज कर लिया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया और तीन अधिकारियों को नीति में गड़बड़ियों का आरोपी बनाया गया.
रिपोर्ट में क्या कहा गया
- रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि नीति को गलत तरीके से तैयार किया गया और कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. वहीं, उपराज्यपाल और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही नीति में अहम बदलाव करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए. अधिकारियों ने बताया कि लागू की गई नीति में अगर कोई बदलाव करना होता है तो पहले मंत्रिमंडल को इसके बारे में बताया जाता है, उस पर चर्चा होती है और फिर फाइनल अप्रूवल एलजी से लेना होता है. अगर कैबिनेट और एलजी की जानकारी के बिना बदलाव किया जाता है तो यह दिल्ली के आयकर नियम 2010 और व्यवसायिक नियमों के लेन-देन, 1993 का उल्लंघन है.
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी शराब के दाम में बदलाव करके शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया और बीयर पर लगने वाली 50 रुपये प्रति केस फीस भी हटा दी गई. इस तरह बड़े कारोबारियों को तो लाभ पहुंचाया गया, लेकिन रेवेन्यू कम हो गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. हालांकि, आप ने नीति लागू करने से पहले कहा था कि इससे रेवेन्यू बढ़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, शराब की बिक्री में बढ़ोतरी के बावजूद रेवेन्यू में 37.51 फीसद की कमी आई.
- रिपोर्ट में कहा गया कि आप सरकार ने बड़े शराब कारोबारियों को लाभ देने के लिए लाइसेंस की फीस 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी ताकि बड़े कारोबारी ही लाइसेंस खरीद सकें. इसमें यह भी कहा गया कि एयरपोर्ट जोन में एनओसी न दे पाने वाले लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए, जबकि यह रकम जब्त होनी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, एनओसी जमा न कर पाने पर 30 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जाने थे.
- आप सरकार पर आरोप लगाया गया कि लाइसेंस धारकों का ऑपरेशनल कार्यकाल पहले 1 अप्रैल, 2022 से बढ़ाकर 31 मई, 2022 किया गया और फिर जून 2022 से 31 जुलाई, 2022 कर दिया गया और इस तरह शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया. इसके लिए न तो केंद्र सरकार और न ही उपराज्यपाल से मंजूरी ली गई.
- रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार पर जो 4 मुख्य नियम तोड़ने के आरोप लगे, उनमें GNCTD अधिनियम 1991, व्यावसायिक लेन देन नियम (टीओबीआर) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 शामिल हैं.
शराब घोटाला मामले में आप के किन-किन नेताओं पर कसा शिकंजा
दिल्ली के शराब नीति मामले में अब तक 15 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. पिछले साल नवंबर में आप के कम्यूनिकेशन इंचार्ज और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर को ईडी ने गिरफ्तार किया था. 26 फरवरी, 2023 को मनीष सिसोदिया और 5 अक्टूबर को संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई है. इनके अलावा, पर्नोर्ड रिकर्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, इंडोस्पिरीट के मालिक समीर महेंद्रू, बड्डी रिटेल के मालिक अमित अरोड़ा, अरविंदो ग्रुप के प्रमोटर पी सरथ चंद्र रेड्डी, रिकॉर्ड इंडिया के पूर्व क्षेत्रीय प्रमुख बेनॉय बाबू और साउथ ग्रुप के सदस्य अभिषेक बोनपल्ली भी फंस चुके हैं. तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता और उनके पूर्व सीए बुचीबाबू गोरांटला से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. अकाली दल के पूर्व विधायक के बेटे गोतम मल्होत्रा, चैरियट प्रोडक्शन के डायरेक्टर राजेश जोशी और साउथ ग्रुप के सदस्य राघव मागुंटा का नाम भी इस मामले में सामने आ चुका है.
शराब घोटाला केस- अब तक की टाइमलाइन
- 17 नवंबर 2021 - नई शराब नीति लागू
- 22 जुलाई, 2022 - CBI जांच की सिफारिश
- 30 जुलाई, 2022 - नई शराब नीति वापस
- 17 अगस्त, 2022 - CBI ने केस दर्ज किया
- 19 अगस्त, 2022 -सिसोदिया के घर पर CBI रेड
- 23 अगस्त, 2022 - ED ने केस रजिस्टर किया
- 30 अगस्त, 2022 - सिसोदिया के बैंक लॉकर की तलाशी
- 5 सितंबर, 2022 - ED की छापेमारी
- 17 अक्टूबर, 2022 - CBI की सिसोदिया से 9 घंटे पूछताछ
- 25 नवंबर, 2022 - CBI की पहली चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नही
- 19 फरवरी, 2023 - CBI ने सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया, नही गए
- 26 फरवरी, 2023 - CBI ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया
- 9 मार्च 2023- ED ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया
- 14 अप्रैल 2023 – सीएम केजरीवाल को CBI ने पूछताछ के लिये बुलाया
- 16 अप्रैल 2023 - CBI ने केजरीवाल से साढ़े 9 घंटे पूछताछ की
- 4 अक्टूबर 2023- उनके घर पर घंटों छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया
- 30 अक्टूबर 2023- ईडी ने अरविंद केजरीवाल को समन भेजा
- 2 नवंबर 2023 - अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश होंगे (संभावना है)