नई दिल्ली: देश में आज से डिजिटल पेमेंट के लिए एक नई व्यवस्था e-RUPI शुरू होने जा रही है. पीएम मोदी शाम 4.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए e-RUPI लॉन्च करेंगे. यह डिजिटल पेमेंट के लिए कैशलेस और कॉनटैक्ट लेस माध्यम है. ई-रुपी एक ऐसी व्यवस्था होगी, जिसमें किसी योजना का फायदा पाने वाले और सर्विस प्रोवाइडर के बीच कोई और मध्यस्थ नहीं होगा. क्योंकि सरकार की ओर से वाउचर देने वाले की तरफ से ये सीधे लाभार्थी के मोबाइल पर भेजा जाएगा.


इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारिक डिजिटल पेमेंट सिस्टम को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने तैयार किया है. इसे परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, वित्तीय सेवा विभाग ने डवलप किया गया है.


आखिर क्या है e-RUPI ?
कुछ साल पहले तक लेन-देन के लिए सिर्फ कागज के नोट या सिक्कों का इस्तेमाल होता था. कैश के जरिए कोई भी शख्स कुछ भी खरीद सकता था. कैश किसी दूसरे व्यक्ति को दिया जा सकता था. फिर आया कार्ड का जमाना. क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए किसी को भी पेमेंट ट्रांसफर किए जा सकते हैं. अब पेटीएम, फोनपे, गूगलपे या भारतपे जैसी डिजिटल पेमेंट एप के जरिए भुगतान किया जा सकता है. इस व्यवस्था में एक बात कॉमन है कि शख्स अपने पास मौजूद पैसों को कहीं भी खर्च कर सकता है. 


लेकिन e-RUPI इन सबसे अलग है. ई-रुपी एक वाउचर की तरह होगा, जिसके तहत एक तय रकम जारी की जाएगी.  जिसे किसी खास मकसद के लिए ही खर्च किया जाएगा. यानी कि सरकारी योजना में दिया गया पैसा अब उसी योजना का फायदा उठाने के लिए खर्च किया जा सकेगा.


e-RUPI का कहां इस्तेमाल हो सकता है
ई-रुपी के जरिए सरकारी योजनाओं से जुड़ा वाउचर जारी किया जाएगा. सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ये एक क्रांतिकारी कदम सुनिश्चित हो सकता है. इसका इस्तेमाल मातृ और बाल कल्याण योजना, दवा मुहैया कराने वाली योजना, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, खाद सब्सिडी योजना जैसी तमाम योजनाओं में जरूरतमंदों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. यहां तक कि प्राइवेट सेक्टर भी अपने कर्मचारी कल्याणकारी कार्यक्रमों के तौर पर इन डिजिटल वाउचर का फायदा उठा सकते हैं.


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