राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने एक बार फिर जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश शुरू कर दी है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार 12 फरवरी को राजस्थान के दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया. 



राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी इस समारोह को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया. इस कॉन्फ्रेंसिंग में काफी समय बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को एक सुर में किसी मुद्दे को उठाते हुए देखा गया. 


दोनों कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना (ERCP) का दर्जा देने की मांग की साथ ही पीएम के पुराने भाषण की भी याद दिलाया. 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें जिससे इसके कार्यों को गति मिले और आमजन को समयबद्ध पानी उपलब्ध हो सके. इसके अलावा पायलट ने कहा कि इआरसीपी 13 जिलों के लिए संजीवनी है.


सीएम अशोक गहलोत की माने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही अजमेर और जोधपुर की चुनावी सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा देने का वादा किया था. अब वह इसे पूरा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ईआरसीपी प्रोजेक्ट क्या है और इसे बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां क्यों भुनाना चाहती हैं.


ईआरसीपी का उद्देश्य क्या है?


राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का खाका तैयार किया गया था. यह परियोजना उनकी ही देन है. इस परियोजना के अंतर्गत पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदी को जोड़ने की बात कही गई थी. जिसके जरिए पूर्वी राजस्थान के जयपुर, अजमेर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर, अलवर, बारा, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर, बूंदी और कोटा को पानी की कमी के संकट से छुटकारा मिले पाएगा. पीने वाले पानी के साथ इस परियोजना के सफल होने से किसानों को सिंचाई के लिए भी जरूरत का पानी मिल सकेगा. 


कितना खर्च और क्या फायदा?


ईआरसीपी योजना के अंतर्गत राज्य का 23.67 प्रतिशत इलाका आएगा. इसके अलावा राज्य के 41.67 फीसदी आबादी को इसका फायदा मिलेगा. ईआरसीपी योजना के लिए 40 हजार करोड़ का बजट तय किया गया है अगर ये सफल होता है तो राजस्थान के दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए आसानी से पानी मिल सकेगा. 


क्यों हो रही है राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग


ईआरसीपी योजना को पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ रही है. राज्य सरकार इतने ज्यादा खर्च वाली योजना को खुद के दम पर पूरा नहीं कर सकती. यही कारण है कि सीएम अशोक गहलोत केंद्र सरकार से बार-बार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रहे हैं. अगर केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करती है तो इसे बनाने में खर्च करने वाले 90 फीसदी रकम केंद्र सरकार को देनी होगी. ऐसे में केंद्र की मदद से यह योजना आसानी से और जल्दी पूरी हो जाएगी. 


इस परियोजना के तहत क्या क्या बनाया जाएगा 


इस परियोजना के तहत 26 छोटे और बड़े बांधों का निर्माण किया जाएगा. इस बांध से दो लाख हेक्टेयर नए कमांड क्षेत्र और 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई में सुधार आएगा. इस परियोजना के तहत लगभग 1268 किलोमीटर लंबा कैनाल भी बनाया जाएगा. 


इस योजना के पुरे होने से राज्य को क्या फायदा होगा 



  • ईआरसीपी योजना पूरा होने से राज्य के ग्रामीण इलाकों में भूजल तालिका में सुधार होगा. 

  • इससे लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में भी सकारात्मक रूप से सुधार आएगा.

  • इससे स्थायी जल स्रोतों को बढ़ावा मिलेगा जो क्षेत्र में उद्योगों को विकसित करने में मदद करेंगे.

  • इसके परिणामस्वरूप राज्य में निवेश और राजस्व में वृद्धि होगी.


ईआरसीपी से जुड़े 13 जिलों के सियासी समीकरण को समझिए


ईआरसीपी परियोजना के पूरे होने से राज्य के 13 जिलों की तस्वीर बदल जाएगी. इन 13 जिलों में 100 विधानसभा सीटें हैं जिसके नाम पर दोनों ही दल सियासी फायदा उठाना चाहती है. वर्तमान में देखें तो इन 100 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के 50, बीजेपी के पास 22, आरएलडी के 1 और 7 सीटों पर निर्दलीय विधायक हैं. ऐसे में जिस पार्टी के विधायक के रहते हुए इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर का दिया जाएगा, पूरा श्रेय उसी पार्टी को जाएगा. 


आसान भाषा में समझिये तो अगर गहलोत सरकार के सीएम रहते हुए इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिल जाता है तो कांग्रेस के पास इन 100 विधानसभा सीट में के लिए बड़ा मुद्दा मिल जाएगा. 


अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करते हुए क्या कहा


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी, आपने आज अच्छा अवसर गंवा दिया. आप पिछले विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के आश्वासन को पूरा करते तो प्रदेश की जनता स्वागत करती. दौसा जिला भी ईआरसीपी के 13 जिलों में शामिल है. फिर भी मैंने इस बजट में ERCP के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.'