HMPV Respiratory Virus: कोरोना वायरस के संक्रमण ने दुनिया के तकरीबन हर कोने में अपना असर दिखाया था. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस अब ग्लोबल खतरा नहीं है, लेकिन इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक अन्य वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (hMPV) को लेकर चिंतित हैं.
एक्सपर्ट मानते हैं कि इस वायरस का खतरा वायरस बच्चों और बुजुर्गों के साथ उन लोगों के लिए अधिक है, जो पहले से बीमार हैं, लेकिन आम लोगों को भी इससे सावधान रहना चाहिए. इस साल की शुरुआत में ह्यूमन मेटोन्यूमोवायरस पूरे अमेरिका में फैल गया था.
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक ऐसा वायरस है जो इंसान के ऊपरी और निचले रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) को टारगेट करता है. ये वायरस रेस्पिरेटरी सिंकीटियल वायरस (RSV) की फैमिली से है. इसका नेचर कोरोना जैसा ही है, बस कोरोना के फैलने की संक्रमण दर ज्यादा है. एचएमपीवी को पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण
आईसीएमआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉक्टर निर्मल गांगुली के मुताबिक इस वायरस के लक्षणों में वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम होना शामिल हैं. एचएमपीवी सभी उम्र के लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है. इस दौरान सांस लेने में परेशानी, अस्थमा का अनुभव होना और घबराहट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
एक स्वस्थ व्यक्ति में ये वायरस दो से पांच दिनों तक रहता है. वहीं, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है या पहले से ही किसी बीमारी से संक्रमित है और उसके बाद वायरस से संक्रमित होते हैं तो उनको ठीक होने में समय ज्यादा लगता है.
किन लोगों को इससे ज्यादा खतरा?
इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्ग लोगों को है. जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन लोगों में भी यह वायरस तेजी से अटैक करता है और उनको ठीक होने में ज्यादा समय लगता है. इस वायरस के चलते ब्रोंकोइलाइटिस, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे संक्रमण भी हो सकते हैं.
कोरोना की तरह फैलता है वायरस
श्वसन तंत्र की बीमारियां ड्रॉपलेट के जरिए तेजी से फैलती हैं और ऐसा ही इस वायरस के साथ भी है. ये वायरल खांसने, छीकने, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने और संक्रमित चीजों को छूने से फैलता है.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव
आईसीएमआर के पूर्व डीजी डॉक्टर निर्मल गांगुली के मुताबिक एचएमपीवी के लिए फिलहाल कोई एंटीवायरल थेरेपी या टीका उपलब्ध नहीं है. हेल्दी हाईजीन जैसे बार-बार हाथ धोना, खांसते और छींकते हुए रूमाल से चेहरे को ढंकना, संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचना, hMPV के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.
डॉक्टर गांगुली ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति डॉक्टर की सलाह और कुछ जरूरी दवाइयों की मदद से दो से 5 दिन में ठीक हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही कुछ बीमारियां हैं तो उसे डॉक्टर की देखरेख में ज्यादा समय गुजारना पड़ सकता है. कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति को ये हो जाता है तो परेशानी ज्यादा हो सकती है.
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