एक्सप्लोरर

क्या होता है 'हाइब्रिड वार', भारतीय वायुसेना प्रमुख ने क्यों कहा हमें तैयार रहना है

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देश को बहुत तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल हमारे पास सबसे बड़ी चुनौती है 'हाइब्रिड युद्ध'. भारत को इस तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.

मंगलवार यानी 20 सितंबर को भारत रक्षा सम्मेलन में वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने कहा कि हमारे पड़ोस में माहौल आदर्श स्थति से काफी दूर है. देश के सामने अनेक प्रकार के खतरे आने वाले हैं, इसलिए हमें हाइब्रिड वार के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें तकनीकी रूप से अपने विरोधियों से ज्यादा मजबूत होने के जरूरत है. 

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि देश को बहुत तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल हमारे पास सबसे बड़ी चुनौती है 'हाइब्रिड युद्ध'. भारत को इस तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना पड़ेगा. हमारे देश को हथियार, स्वदेशी अनुसंधान और नेटवर्किंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा. 

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने हाइब्रिड वार का जिक्र ऐसे समय में किया है जब एक तरफ जहां लद्दाख को लेकर क़रीब दो साल से भारत और चीन एक दूसरे के आमने-सामने हैं. वहीं दूसरी तरफ पिछले 6 महीने से चल रहे रूस यूक्रेन के जंग को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. इस बीच ये सवाल उठता है कि आखिर हाइब्रिड वार है क्या और यह तकनीक कितनी प्रभावशाली है? 

क्‍या है हाइब्र‍िड वॉरफेयर?

'हाइब्रिड वॉरफेयर', टर्म के जनक अमेरिकी डिफेंस रिसर्चर फ्रैंक जी. हॉफमैन को माना जाता है. साल 2007 में अपने एक रिसर्च पेपर 'कनफ्लिक्ट इन द 21st सेंचुरी: द राइज ऑफ हाइब्रिड वॉर' में उन्होंने हाइब्रिड वॉरफेयर की शुरुआत और उसके विकास के बारे में समझाया था. उस रिसर्च में कहा गया था कि दुश्मन को हराने के लिए युद्ध का रुख सैन्य क्षेत्र से हटाकर राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र तक ले जाना हाइब्रिड वॉरफेयर है. 

हाइब्रिड युद्ध सैन्य रणनीति का एक सिद्धांत है जो पारंपरिक युद्ध, अनियमित युद्ध और साइबर युद्ध के साथ राजनीतिक युद्ध के मिश्रण की बात करता है. आसान शब्दों ने कहें तो किसी भी युद्ध के दौरान जब फेक न्यूज, आर्थिक मैन्युप्लेशन, साइबर युद्ध, जासूसी, दूसरे देश में अशांति पैदा करने, कूटनीतिक दबाव जैसी तमाम चीजे एक साथ की जाती है तो उसे हाइब्रिड वारफेयर कहा जा सकता है. 

एक तरफ दो देशों के बीच पारंपरिक जंग चल रही हो और दूसरी तरफ डिप्‍लोमेसी, अंतरराष्‍ट्रीय कानून, फेक न्‍यूज, और विदेशी दखलंदाजी जैसे तरीकों से भी जंग को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही हो तो उसे हाइब्रिड वार का नाम दिया जाता है. 

कितनी प्रभावशाली है युद्ध की ये तकनीक 

हाइब्रिड वॉरफेयर में युद्ध के साथ प्रॉपगेंडा चलाने का कॉन्‍सेप्‍ट है. अब तक जहां भी हाइब्रिड वॉरफेयर तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है, यह बेहद ही असरदार साबित हुई है. हाइब्रिड वार लोगों को गुमराह करने में कारगर साबित रहा है. इसके मदद से दुनिया युद्ध में शामिल दो देशों को अलग-अलग चश्मे से देखना शुरू कर देती है. 'हाइब्रिड वार' एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से दो देशों के बीच चल रहे युद्ध में किसी एक पक्ष को अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति और मदद मिल सकती है. यह टेकनीक किसी एक देश को विलेन और एक देश को हीरो दिखाने का काम करती है. 

कब-कब हुआ हाइब्रिड वॉरफेयर तकनीक का इस्‍तेमाल?

उदाहरण के तौर पर हम वर्तमान में चल रहे रूस यूक्रेन के बीच का युद्ध ले सकते हैं. दोनों देशों के बीच पिछले 6 महीने से युद्ध चल रहा है.  इस युद्ध में रूस से जुड़े साइबर हैकर भी यूक्रेन पर साइबर हमले कर रहे हैं. हालांकि साइबर हमले छोटे स्तर पर हुए हैं. 2022 में जनवरी के बाद से यूक्रेन पर तीन बार बड़े डीडीओएस हमले किए जा चुके हैं. इसके अलावा हैकिंग की कई गंभीर घटनाएं भी हुई हैं. 'वाइपर' हमलों के ज़रिए यूक्रेन के कंप्यूटरों से डेटा डिलीट किया गया है. वहीं पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को आर्थिक सहित हथियारों का मदद भी की है. 

साल 2006 में  इजरायल-लेबनान युद्ध में हाइब्रिड तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. इस युद्ध के दौरान हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ नई तकनीक और प्रचार माध्यमों का इस्तेमाल किया था. हेजबुल्‍ला एक नॉन-स्‍टेट एक्‍टर है जिसे ईरान ने स्‍पॉन्‍सर किया. साल 2006 में हुए इस युद्ध के बाद ही अमेरिकी डिफेंस रिसर्चर फ्रैंक हॉफमैन ने 2007 में हाइब्रिड थ्रेट और हाइब्रिड वॉरफेयर टर्म का प्रयोग किया था. 

साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के विरुद्ध क्रीमिया क्षेत्र के अधिग्रहण के लिये भी ‘हाइब्रिड वारफेयर’ तकनीक का इस्तेमाल किया था.  इसमें दुष्प्रचार, आर्थिक जोड़-तोड़, आंतरिक विद्रोह और राजनयिक दबाव जैसी गतिविधियां शामिल थीं. 

वहीं इसी साल यानी 2014 में इराक में यह वॉर टेक्‍निक देखने को मिली. दरअसल उस वक्त नॉन स्‍टेट एक्‍टर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) ने पारंपरिक इराकी सेना के खिलाफ हाइब्रिड पॉलिसी का इस्‍तेमाल किया था. जिसके जवाब में इराक ने भी ISIL का मुकाबला करने के लिए हाइब्रिड तकनीक का इस्तेमाल किया था.  

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्‍तान साल 1947 से हाइब्र‍िड वॉरफेयर का इस्‍तेमाल करता आया है. वह प्रॉक्‍सी के तौर पर आतंकियों को भेजता रहा है. वहीं ताइवान और दक्षिण चीन सागर में  चीन ताइवान के खिलाफ हाइब्रिड वॉरफेयर का इस्‍तेमाल करता रहा है. 

भारत के रक्षा मंत्री भी कर चुके हैं इस वार का जिक्र

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अप्रैल 2022 को थल सेना के शीर्ष कमांडरों से भविष्य में आने वाली हर संभव सुरक्षा चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा था. इनमें गैर-पारंपरिक यानी हाइब्रिड युद्ध भी शामिल हैं. उन्होंने कहा था कि इस बार पाकिस्‍तान या चीन से भारत से युद्ध छिड़ती है तो यह सिर्फ समंदर, जमीन और वायु तक सीमित नहीं रहेगी. इस महायुद्ध में गैर-पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल भी किया जाएगा.  

बता दें कि तुछ महीने पहले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत चीन-संबंधों में तनाव के बीच आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए भारत ने चीन के 100 से ज्यादा एप्स को बैन कर दिया था. किसी भी देश के लिए दूसरे देश का डाटा इकट्ठा करना उस देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है और यह संपूर्ण विश्व को हाइब्रिड वारफेयर की ओर ले जा सकता है. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Jharkhand Elections: झारखंड में कमल खिलेगा! पीएम मोदी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, कार्यकर्ताओं को बताया पूरा प्लान
झारखंड में कमल खिलेगा! पीएम मोदी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, कार्यकर्ताओं को बताया पूरा प्लान
रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव के लिए थमा प्रचार, कांग्रेस प्रत्याशी पर क्या बोले सीएम साय?
रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव के लिए थमा प्रचार, कांग्रेस प्रत्याशी पर क्या बोले सीएम साय?
Horror Movies: हॉरर फिल्में देखना पसंद है तो आज ही देख डालिए ये फिल्में, रात को सोना हो जाएगा मुश्किल
हॉरर फिल्में देखना पसंद है तो आज ही देख डालिए ये फिल्में, रात में भी उड़ जाएगी नींद
Champions Trophy: भारत नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी नहीं, दिग्गज का बयान सुनकर हिल जाएगा पाकिस्तान
भारत नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी नहीं, दिग्गज का बयान सुनकर हिल जाएगा पाकिस्तान
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Aditya Thackeray Exclusive: उद्धव ठाकरे के बकरीद वाले बयान पर आदित्य ठाकरे ने किया बहुत बड़ा खुलासा!Sandeep Chaudhary: चुनाव में 'रेवड़ी' हजार...महंगाई पर चुप सरकार? | Inflation | Assembly ElectionUP Bypolls 2024: पहले कपड़े अब सोच पर हमला..CM Yogi पर खरगे के बिगड़े बोल | ABP NewsMahadangal with Chitra Tripathi: सत्ता बचाने के लिए 'सेफ' फॉर्मूला? | Maharashtra Election | ABP

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Jharkhand Elections: झारखंड में कमल खिलेगा! पीएम मोदी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, कार्यकर्ताओं को बताया पूरा प्लान
झारखंड में कमल खिलेगा! पीएम मोदी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, कार्यकर्ताओं को बताया पूरा प्लान
रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव के लिए थमा प्रचार, कांग्रेस प्रत्याशी पर क्या बोले सीएम साय?
रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव के लिए थमा प्रचार, कांग्रेस प्रत्याशी पर क्या बोले सीएम साय?
Horror Movies: हॉरर फिल्में देखना पसंद है तो आज ही देख डालिए ये फिल्में, रात को सोना हो जाएगा मुश्किल
हॉरर फिल्में देखना पसंद है तो आज ही देख डालिए ये फिल्में, रात में भी उड़ जाएगी नींद
Champions Trophy: भारत नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी नहीं, दिग्गज का बयान सुनकर हिल जाएगा पाकिस्तान
भारत नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी नहीं, दिग्गज का बयान सुनकर हिल जाएगा पाकिस्तान
अर्शदीप डल्ला हुआ गिरफ्तार तो भारत ने कनाडा से कर दी ऐसी मांग, बढ़ जाएगी ट्रूडो की टेंशन!
अर्शदीप डल्ला हुआ गिरफ्तार तो भारत ने कनाडा से कर दी ऐसी मांग, बढ़ जाएगी ट्रूडो की टेंशन!
ये है दुनिया का सबसे लंबा कुर्ता, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मिली जगह
ये है दुनिया का सबसे लंबा कुर्ता, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मिली जगह
Dev Uthani Ekadashi 2024: देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
लाखों लोगों की मौत और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, कहानी तंबोरा के विस्फोट की
लाखों लोगों की मौत और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, कहानी तंबोरा के विस्फोट की
Embed widget