One Nation, One Election: एक देश एक चुनाव पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट, नई लोकसभा गठन के साथ जारी की जा सकती है अधिसूचना
One Nation, One Election Report: समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से बताया गया कि स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से सलाह-मशविरे के साथ 191 दिनों के रिसर्च वर्क के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है.

One Nation, One Election Report: एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार (14 मार्च, 2024) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. कानून मंत्रालय की ओर से यह जानकारी देते हुए आधिकारिक बयान में बताया गया कि यह रिपोर्ट 18,626 पेज की है.
जानकारी के मुताबिक, कोविंद समिति की रिपोर्ट की अनुशंसा के आधार पर जाएं तो इसी साल नई लोकसभा के गठन के साथ अधिसूचना जारी की जा सकती है और इसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव अगली लोकसभा (2029) तक प्रभावी रहेंगे. समिति को ई-मेल, उच्च स्तरीय समिति की वेबसाइट और डाक से मिली प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण से पता चला कि 21,558 जवाब मिले, जिनमें से 80% साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे. ये प्रतिक्रियाएं लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार, नागालैंड, दादरा और नगर हवेली सहित देश के सभी भागों से आई थीं. सबसे अधिक प्रतिक्रियाएं तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश से मिली थीं. अधिकतर प्रतिक्रियाएं देश में साथ-साथ चुनाव कराने के पक्ष में थीं.
47 राजनीतिक दलों से भी प्रतिक्रियाएं मिली थीं. सिर्फ 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया था बल्कि सियासी दलों ने सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए यह विकल्प अपनाए जाने की जोरदार वकालत भी की. साथ-साथ चुनावों का विरोध करने वाले दलों ने यह मुद्दा उठाया कि यह विकल्प अपनाना संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन होगा.
191 दिन के रिसर्च के बाद बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से बताया गया कि स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से सलाह-मशविरे के साथ 191 दिनों के रिसर्च वर्क के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है. जिस वक्त यह रिपोर्ट राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपी गई, उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आदि उपस्थित रहे.
...तो इसलिए बनी थी रामनाथ कोविंद समिति
सितंबर, 2023 में बनी समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है.
एक देश, एक चुनाव पर रिपोर्ट में इस चीज की भी सिफारिश!
अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में इससे पहले बताया गया था, 'वन नेशन वन इलेक्शन' से जुड़ी यह रिपोर्ट आठ वॉल्यूम्स में हो सकती है और यह 18 हजार पेजों की हो सकती है. समिति देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश कर सकती है. प्रस्तावित रिपोर्ट लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक एकल मतदाता सूची पर भी ध्यान केंद्रित करेगी.
कोविंद समिति में अमित शाह और गुलाम नबी आजाद हैं सदस्य
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था पर उन्होंने समिति को पूरी तरह से छलावा करार देते हुए मना कर दिया. विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.
एक राष्ट्र, एक चुनावः अब तक क्या कुछ हुआ? जानिए
- 1983 - चुनाव आयोग की ओर से सुझाव दिया गया
- 1999 - भारत के विधि आयोग (अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.पी. जीवन रेड्डी) ने "चुनावी कानूनों में सुधार" पर रिपोर्ट (रिपोर्ट नंबर-170) दी
- 2018 - भारत के विधि आयोग (अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.एस.चौहान) ने एक साथ चुनावों पर रिपोर्ट जारी की
- 2023 - रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया
- 1 सितंबर, 2023 को केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कमेटी बनाई
- 2 सितंबर, 2023 को वन नेशन वन इलेक्शन समिति के सदस्यों का एलान हुआ, गृह मंत्री सहित सात सदस्य बनाए गए
- 23 सितंबर, 2023: समिति की पहली बैठक हुई. फैसला- सबसे पहले सभी दलों की राय ली जाए. आगे बढ़ने के रोडमैप को लेकर विधि आयोग से भी चर्चा करने का फैसला हुआ था.
- 14 मार्च 2024 को एक देश एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी
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