What is Magical Healing Practices: असम में हिमंत बिस्वा सरमा की अगुवाई वाली सरकार ने हाल ही में असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ एविल) प्रैक्टिसेस बिल पास किया है. हालांकि इस बिल के पास होने के बाद से ईसाई समुदाय मान रहा है कि सरकार उसे निशाने पर ले रही है. इसे लेकर कई संगठन सरकार का विरोध भी कर रहे हैं.


असम क्रिश्चियन फोरम नाम से संगठन का कहना है कि ईसाइयों में मैजिकल हीलिंग जैसा कोई शब्द नहीं. यहां प्रेयर के जरिए इलाज होता है, जैसा दूसरे धर्मों में भी है. अगर कोई बीमार शख्स हमारे पास आए तो उसके लिए सामूहिक रूप से प्रार्थना की जाती है. ये जादू नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में ऐसा किया जाता है. ईसाई ही नहीं, कई धर्मों में प्रार्थना से इलाज की बात होती है. इसे फेथ हीलिंग भी कहते हैं. इसमें किसी बीमारी को ठीक करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर या ग्रुप में दुआएं की जाती हैं.


क्या कहता है बिल?


हीलिंग प्रैक्टिसेस बिल के तहत मासूम और भोले-भाले लोगों का शोषण करने के लिए बनी गैर-वैज्ञानिक हीलिंग प्रैक्टिस को क्राइम माना जाएगा. यह बिल साइंस पर आधारित इलाज को बढ़ावा देने की बात करता है. अब ऐसे विज्ञापनों पर भी रोक होगी, जिसमें धार्मिक तरीकों से इलाज का दावा किया जाएगा. इसके अलावा वो विज्ञापन भी असम में गैरकानूनी होंगे, जिनमें झाड़-फूंक या पूजा-पाठ से बीमारी के ठीक होने का दावा किया जाएगा.


कानून तोड़ने पर कितनी सजा?


हीलिंग प्रैक्टिसेस बिल के पास होने के बाद मैजिकल हीलिंग अब राज्य में गैर जमानती अपराध होगा. अगर पहली बार कोई इसका दोषी पाया गया तो 1 से 3 साल की सजा और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5 साल की कैद और दोगुना जुर्माना लगेगा. पुलिस को ऐसी प्रैक्टिस पर नजर रखने की अनुमति होगी.


ये है ईसाई समुदाय के एतराज की वजह


बिल पर कैबिनेट अप्रूवल लेने के दौरान सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस कानून को बनाने के पीछे उनका मकसद धार्मिक प्रचार-प्रसार को खत्म करना भी है. उन्होंने दावा किया कि जादुई हीलिंग का इस्तेमाल आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करने के लिए भी किया जा रहा है.


सीएम की ये बातें सुनकर ईसाई समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया. असम के अलावा मैजिकल हीलिंग प्रिवेंशन बिल का विरोध नगालैंड में भी हो रहा है. उपमुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने कहा कि फेथ हीलिंग को जादू-टोने से जोड़ना ईसाई धर्म का अपमान है.


अब इस चंगाई सभाओं पर भी रहेगी नजर


ईसाई धर्म में चंगाई सभाएं काफी लगती हैं. इसमें अक्सर गंभीर बीमारियों के ठीक होने का दावा तक किया जाता है. कई बार इसमें शारीरिक अपंगता और कैंसर जैसी बीमारियों को दूर करने का भी दावा होता है. इस प्रक्रिया में धर्मगुरु बीमारी की जगह पर अपना हाथ रखकर, या कोई तेल या पानी छिड़ककर बीमारी ठीक करने का दावा करता है.