गोवा की फेनी और केरल की टोडी के बाद मध्य प्रदेश की परंपरागत महुआ शराब भी बिकनी शुरू हो गई है, जिसकी काफी चर्चा भी है. आदिवासियों को को सशक्त बनाने और आगे बढ़ाने के लिए राज्य की ऐतिहासिक महुआ शराब की रिब्रैंडिंग की जा रही है. पिछले साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महुआ की बिक्री की अनुमति दी थी और उसके पूरे एक साल बाद अगस्त से महुआ राज्य में बिकनी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश ताज और जेडब्ल्यू मैरिएट जैसे होटलों में लोगों को महुआ का स्वाद चखाया जा रहा है. महुआ के फूल से इसको बनाया जाता है. सदियों तक यह ड्रिंक और महुआ  के फूल आदिवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा रही, जिसे ब्रिटिश काल में बैन कर दिया गया था. 


वैसे तो झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों की आदिवासी जातियों का महुआ के साथ कनेक्शन रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक शराब को रीब्रैंड करने का सोचा. फिलहाल यह मोंड और मोहुलो दो ब्रांड नेम से बेची जा रही है. आइए जानते हैं इसके बारे में-


आठ महीने पहले लगाया गया था प्लांट
जनवरी में मध्य प्रदेश के भिलाला ट्राइबल ग्रुप ने अलीराजपुर जिले के काठियावाड़ा ब्लॉक में राज्य का पहला महुआ प्लांट लगाया था. इस बात को आठ महीने बीत गए और मालिकों की टेंशन बढ़ने लगी. एक तरफ तो अब तक शराब की एक भी बोतल नहीं बिकी और दूसरी तरफ किसान और कर्मचारी अपनी पेमेंट के लिए दबाव बना रहे थे. उन्होंने तो यहां तक धमकी दे दी कि अगर पेमेंट नहीं हुई तो आगे काम नहीं करेंगे. तभी एक दिन प्लांट की मैनेजर अंकिता भाबर को डिस्ट्रिक्ट एक्साइज इनचार्ज ब्रिजेंद्र कोरी का फोन आया और महुआ हेरीटेज लिकर का ऑर्डर मिला. महुआ को हेरीटेज लिकर घोषित करने और बिक्री को शिवराज सरकार से अनमुति मिलने के पूरे एक साल बाद यह ऑर्डर मिला था. इस ऑर्डर के बाद लगातार सरकार की तरफ से एक के बाद एक ऑर्डर आने लगे.


काठिवाड़ा प्लांट में बनाई जा रही महुआ शराब को 'Mond' ब्रांड के तहत बेचा जा रहा है. इसकी एक 720 एमएल की बोतल की कीमत 800 रुपये और 180 एमएल की बोतल 200 रुपये में बेची जाती है. शराब की बिक्री से प्लांट को अब तक 20 लाख रुपये की कमाई हुई है. मोंड के 320 बॉक्स अब तक बेचे जा चुके हैं. हर बॉक्स में 750 एमएल की कुल 12 बोतलें होती हैं.


सितंबर में शुरू हुआ राज्य का दूसरा महुआ प्लांट
अगले ही महीने सितंबर में गोंड आदिवासियों ने महुआ का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया. गोंड आदिवासी डोंडौरी जिले में रहते हैं. यह प्लांट जिले के भखा मल गांव में लगाया गया है. यहां बनाई जाने वाली महुआ शराब की बिक्री 'Mohulo' नाम से होती है. रेट की बात की जाए तो मोंड और मोहुलो एक ही रेट पर बिकती हैं.


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