MUDA Land Scam Case: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाला मामले के भंवर में उलझते नजर आ रहे हैं. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इस मामले पर सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. ये मसला जमीन के एक टुकड़े का है, जिसकी नाप 3.14 एकड़ है जो उनकी पत्नी पार्वती के नाम है. हालांकि, बीजेपी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर लगातार हमलावर है और सीएम के उनके इस्तीफे की मांग कर रही है.


दरअसल, ये मामला MUDA की ओर से उस समय मुआवजे के तौर पर जमीन के पार्सल के आवंटन से जुड़ा है जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे. आरोप है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं. इससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है. इस मामले में MUDA और राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के नाम भी सामने आये हैं.


जानिए क्या है MUDA का विवाद?


मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने साल 1992 में कुछ जमीन रिहायशी इलाके में विकसित करने के लिए किसानों से ली थी. उसे प्रक्रिया के तहत कृषि भूमि से अलग कर दिया गया था, मगर 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा एमयूडीए ने किसानों को वापस कर दिया था. इस तरह से यह जमीन एक बार फिर कृषि जमीन बन गई. ये विवाद तब शुरु हुआ जब साल 2004 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई बी एम मल्लिकार्जुन ने इसी जमीन में 3.16 एकड़ जमीन खरीदी.


उस दौरान यहां 2004-05 में कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस गठबंधन की सरकार थी और तब सिद्धारमैया डिप्टी सीएम थे. इसी दौरान सामने आया कि इसी जमीन को एक बार फिर से कृषि की भूमि से अलग किया गया था, मगर जब जमीन का मालिकाना हक लेने के लिए सिद्धरमैया परिवार पहुंचा तब तक वहां लेआउट विकसित हो चुका था.


मेरे इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं- सिद्धारमैया


वहीं, कर्नाटक के राज्यपाल की तरफ से नोटिस जारी होने के बाद सिद्धारमैया ने अपने कैबिनेट सहयोगियों, वरिष्ठ पुलिस और ख़ुफ़िया अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक की. इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "मेरे इस्तीफ़ा देने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता. पार्टी मेरे साथ है, कैबिनेट मेरे साथ है और पूरी सरकार मेरे साथ है. ये चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की राजनीतिक साजिश है." हम इस मामले को कोर्ट में चुनौती देंगे.


ये भी पढ़ें: 'सुरक्षा कानून के लिए बनेगी कमेटी', स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों से की हड़ताल खत्म करने की अपील