एयर इंडिया और विस्तारा का मर्जर मंगलवार (12 नवंबर ) से प्रभावी हो जाएगा. इस मर्जर के बाद विस्तारा का प्रबंधन भी एयर इंडिया ही करेगा. ऐसे में संदेहों को दूर करने के लिए कई इंटरनल सर्कुलर जारी किए गए हैं ताकि पुराने नियमों को भी दोनों एयरलाइन के कर्मचारी समझ सकें. ऐसे में एक इंटरनल सर्कुलर एबीपी न्यूज़ के पास भी है. इसमें साफ तौर से लिखा है कि सऊदी सेक्टर की सभी उड़ानों में हलाल मील परोसा जाएगा. 


मुस्लिम मील को अब स्पेशल मील के तौर पर ट्रीट किया जाएगा
इंटरनल सर्कुलर में ये भी लिखा है कि प्रीबुक्ड मील के MOML ( मुस्लिम मील) लेबल को स्पेशल मील (SPML) ट्रीट किया जाएगा. और हज की उड़ानों समेत जेद्दा, दम्मम, रियाद, और मदीना सेक्टर की उड़ानों के लिए हलाल सर्टिफिकेट दिया जाएगा. 


एयर इंडिया का आया जवाब
एयर इंडिया ने एबीपी न्यूज को बताया कि यात्री मील या उसके तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हलाल मील एक पारंपरिक मुस्लिम तरीका है जो कई सालों से दिया जा रहा है. ठीक उसी तरह, जिस तरह से हिंदू मील हिंदू तरीकों से और पारसी मील पारसी परंपरा के अनुसार एयर इंडिया में दिया जाता है. ये तरीका TATA की गाइडलाइन के अनुसार अपनाया जाता है. 


क्या होता है मुस्लिम मील?
मुस्लिम यात्री अपने धर्म के अनुसार हलाल मीट के धार्मिक आदेश का पालन करते हैं इसलिए एयर इंडिया की उड़ानों में उनको परोसा जाने वाला नॉन वेज हलाल की परंपरा के अनुसार ही होता है. ये मील सर्टिफ़ाइड हलाल किचन में ही तैयार किया जाता है.


क्या होता है हिंदू मील?
एयर इंडिया की उड़ानों में हिंदू मील के रूप में अगर नॉन वेज खाना बुक किया गया होता है तो उसमें चिकन, फिश या एग की डिश परोसी जाती है. इसके अलावा बुकिंग के अनुसार सब्ज़ियां और डेयरी प्रोडक्ट भी परोसे जाते हैं.


ये भी पढ़ें: Bye-Bye Vistara: अलविदा विस्तारा! आज एयरलाइन भर रही अपनी आखिरी उड़ान, 12 नवंबर को एयर इंडिया में होगा विलय