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प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में लौट रहा ऑड-ईवन, क्या सच में सुधर जाएगा AQI, जानें स्कीम का कितना पड़ेगा असर
दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन स्कीम को प्रभावी बनाने के लिए भारी जुर्माना वसूलने का सोचा है. इससे लोग इसका सख्ती से पालन करेंगे. उल्लंघन करने वालों को 20 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
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दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए 13 नवंबर से ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जा रहा है. दिन पर दिन दिल्ली की हवा जहरीली होती जा रही है. राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंच गया है यानी इस वक्त दिल्लीवासी बेहद जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं. प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार तरह-तरह के कदम उठा रही है. इसी के तहत ऑड ईवन स्कीम को वापस लागू किया जा रहा है.
स्कीम का प्रदूषण पर कितना असर पड़ेगा? इसका पता लगा पाना मुश्किल है और एक्सपर्ट्स भी यही मानते हैं. सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होने से प्रदूषण के लेवल में निश्चित रूप से कमी आएगी, लेकिन इसका एक सीमित असर ही देखने को मिलेगा क्योंकि टू व्हीलर गाड़ियों के आने-जाने पर कोई रोक नहीं होगी. इससे पहले जब ऑड ईवन स्कीम लागू की गई है तब कुछ टू-व्हीलर, हाइब्रिड व्हीकल, सीएनजी से चलने वाली टैक्सी समेत कई वाहनों पर रोक नहीं लगाई गई थी. अगर इस बार भी ऑड-ईवन को इसी तरह से लागू किया जाता है तो इसका एक हद तक ही असर देखने को मिलेगा.
कितनी असरदार होगी ऑड-ईवन स्कीम?
दिल्ली में प्रदूषण फैलाने में परिवहन काफी हद तक जिम्मेदार है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑड-ईवन लागू होने से प्रदूषण पर किस हद तक लगाम लगेगी इसका आकलन करना मुश्किल है. स्कीम केवल दिल्ली के वाहनों पर लागू होगी, जबकि राजधानी की सीमा से लगने वाले दूसरे राज्यों के इलाकों से भी लोग यहां आते हैं. ऐसे में स्कीम किस हद तक कारगर साबित होगी इसका पता लगा पाना मुश्किल है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑड-ईवन फॉर्मूला अच्छा कदम है, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए उन वाहनों पर भी रोक लगे, जिन्हें छूट दी गई है. 2016 से 2019 तक कई बार ऑड-ईवन को लागू किया गया, लेकिन इसके उतने अच्छे प्रभाव देखने को नहीं मिले, जिसकी उम्मीद की जा रही थी.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की संचालन समिति के सदस्य सच्चिदानंद त्रिपाठी ने साल 2016 में स्कीम को लेकर एक स्टडी का जिक्र करते हुए कहा कि इसका PM2.5 पर काफी कम असर देखने को मिला. दिल्ली के कुछ हिस्सों में इसमें 8.10 फीसदी की कमी देखी गई, जबकि बाकी जगहों पर कुल 2-3 प्रतिशत की कमी नजर आई. वहीं, साल 2019 की बात करें तो दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक पर असर देखने को मिला था. 23 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच ऑड-ईवन लागू होने से पहले दिल्ली का एक्यूआई 369.5 था, जो स्कूम लागू होने के बाद 4 नवंबर से 14 नवंबर तक 328 पहुंच गया था.
प्रदूषण में टू-व्हीलर वाहनों का कितना योगदान?
टू-व्हीलर वाहन प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. वाहनों के दो मुख्य घटक होते हैं, जो प्रदूषण पैदा करते हैं. इनमें एक टेलपाइप है, जिससे धुआं निकलता है और दूसरा बार-बार ब्रेक लगाने से टायरों से होने वाला प्रदूषण. टेलपाइप से पीएम कणों का उत्सर्जन होता है. टेलपाइप का उत्सर्जन PM2.5 है. इनमें कालिख, कार्बनिक पदार्थ, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और कुछ पॉली-एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे कण शामिल हैं.
क्या होता है PM2.5 और PM10?
PM2.5 और PM10 में पीएम का मतलब पर्टिकुलेट मैटर होता है और संख्या कणों के आकार को बताते हैं. PM10 का मतलब है कि कणों का व्यास 10 माइक्रोमीटर या उससे कम है, जबकि PM2.5 का मतलब ये है कि हवा में घुलने वाले कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पराली जलाने से PM2.5 और PM10 ज्यादा बढ़ता है. इसका स्तर बढ़ने से विजिबिलीटी भी कम हो जाती है.
क्या है दिल्ली की ऑड ईवन स्कीम?
ऑड-ईवन स्कीम के तहत जिस दिन ऑड नंबर की तारीख होगी उस दिन ऑड नंबर की रजिस्टर्ड गाड़ियां ही चलेंगी. वहीं, ईवन नंबर की तारीख वाले दिन ईवन रजिस्ट्रेशन नंबर की गाड़ियों को सड़कों पर चलने की इजाजत होगी. जिन गाडियों के रजिस्ट्रेशन नंबर का लास्ट नंबर 1,3,5,7 और 9 है. वे गाड़ियां 13, 15, 17 और 19 नवंबर को चल पाएंगी और जिनकी रजिस्ट्रेशन संख्या का लास्ट नंबर 2, 4, 6, 8 और 10 है. वे 14, 16, 18 और 20 नवंबर को सड़कों पर चलेगी. हालांकि, सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलने पर कोई पाबंदी नहीं होगीय
कितनी बार लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम
13 नवंबर से चौथी बार दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम लागू की जा रही है. इससे पहले साल 2016 में दो बार 1 जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक स्कीम लागू की गई थी और फिर साल 2016 में ही 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच दिल्ली में ऑड-ईवन लगाया गया. तीसरी बार साल 2019 में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन फिर से लागू किया गया था.
उल्लंघन पर देना होगा भारी जुर्माना
अगर कोई ऑड-ईवन का उल्लंघन करता है तो उसको भारी जुर्माना भुगतना होगा. इस बार दिल्ली सरकार उल्लंघन करने वालों से 20 हजार रुपये वसूलेगी. इससे पहले साल 2016 में जब स्कीम लागू की गई थी तो 2,000 रुपये जुर्माना था, जबकि साल 2019 में इसे रिवाइज करके 4,000 रुपये कर दिया गया.
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