Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल कर सरकार बना ली है. इस जीत में 'ओल्ड पेंशन स्कीम' के वादे का अहम योगदान माना जा रहा है. कांग्रेस (Congress) ने जिस रणनीति के साथ हिमाचल चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को मुद्दा बनाकर सत्ता की कुर्सी पर कब्जा जमाया है, वो पार्टी के लिए एक उम्मीद की किरण की तरह दिखाई दे रही है. सरकार की ओल्ड पेंशन स्कीम को डिफाइंड बेनिफिट पेंशन सिस्टम (DBPS) कहा जाता है, यह कर्मचारी को मिली अंतिम सैलरी पर आधारित है.


कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) चुनाव से पहले वहां की जनता को 10 गारंटी देने का वादा किया था, जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम यानी OPS भी मुख्य वादा था. सीएम की कुर्सी संभालने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुरानी पेंशन को जल्द लागू करने का एलान कर दिया है.


ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है?


पुरानी पेंशन योजना में पैसे का भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिये होता है. इस योजना के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के तौर पर दी जाती है. रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद उनके परिजन को पेंशन की राशि दी जाती है. इस योजना में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है. इसके अलावा इसमें 6 महीने बाद मिलने वाले DA का भी प्रावधान है.


क्या हैं इसके फायदे?


ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनकी पेंशन में योगदान देना नहीं होता है. फायदों में एक यह शामिल है कि कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उन्हें पेंशन की राशि मिलेगी. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद के वक्त के लिए पैसे की बचत करके फंड बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है. इस स्कीम के समर्थक मानते हैं कि इस पेंशन को बंद करने से करोड़ों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं.


नई पेंशन स्कीम क्या है?


नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस शेयर मार्केट पर आधारित है. इस योजना के तहत कर्मचारी का बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते यानी डीए का 10 फीसदी हिस्सा काट लिया जाता है. शेयर मार्केट पर बेस्ड होने की वजह से इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है. नई पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है. इस योजना में 6 महीने बाद मिलने वाले डीए का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, इस योजना में कर्मचारी को टैक्स डिडक्शन क्लेम करने का लाभ भी मिलता है. 


मोदी सरकार का क्या है रूख?


केंद्र के रूख से पता चलता है कि फिलहाल सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं करना चाहती है. एनपीएस (NPS) को वापस लेने की सरकार की कोई मंशा नहीं दिखती है. कुछ महीने पहले संसद में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री भागवत किशनराव कराड ने कहा था कि ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का कोई भी प्रस्ताव केंद्र सरकार के विचाराधीन नहीं है. 


ओल्ड पेंशन स्कीम को बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने दिसंबर 2003 में बंद कर दिया था. कई संगठन और विपक्षी दल इसे लागू करने पर जोर दे रहे हैं. साल 2024 में आम चुनाव के दौरान ओपीएस को लागू करने का मुद्दा बड़ा बन सकता है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारें पहले ही इस स्कीम को लागू कर चुकी हैं. हिमाचल प्रदेश में भी इसे लागू करने की तैयारी है. 


ये भी पढ़ें:


Old Pension Scheme: हिमाचल का फॉर्मूला अब दूसरे राज्यों में भी आजमाएगी कांग्रेस, पुरानी पेंशन योजना को बनाएगी बड़ा हथियार