Dhubri Drug Issue: असम की धुबरी जिले में युवाओं के बीच ड्रग्स का काला खेल चल रहा है. शहर के युवाओं के बीच बढ़ रही नशे की लत की वजह से अपराध में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोग इससे खासा परेशान हैं और वह प्रशासन से गुजारिश कर रहे हैं कि इस नशाखोरी पर जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी लगाम लगाई जाए. लोकसभा चुनाव के दौरान भी युवाओं में नशे की लत और ड्रग्स पर रोक लगाने का मुद्दा छाया हुआ है. 


द लल्लटन टॉप की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर के कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां रात को नहीं जाया जा सकता है, क्योंकि वहां ड्रग्स की चपेट में आए युवाओं ने ठिकाना बनाया हुआ है. वहां से गुजरने पर नशे में धुत लोग हमला करने से भी नहीं चूक रहे हैं. धुबरी के युवा जिस ड्रग्स की चपेट में हैं, उसे 'पाव ड्रग' कहा जा रहा है. लोगों ने बताया कि इसे कोई इंजेक्शन से ले रहा है, तो कोई टैबलेट के तौर पर खा रहा है. 


बंगाल के रास्ते असम पहुंच रहा ड्रग्स


ड्रग्स की समस्या को लेकर बात करते हुए एक शख्स ने बताया, "धुबरी में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां रात को 8 बजे के बाद खतरे से खाली नहीं है. पहले भी इस तरह की समस्या थीं, लेकिन अब ये बहुत ज्यादा बढ़ गई है." एक अन्य शख्स ने बताया कि ड्रग्स का मुख्य सोर्स पश्चिम बंगाल है, क्योंकि शहर में आने वाली हर चीज वहीं से पहुंचती हैं. इसके अलावा बांग्लादेश भी एक ऐसा रूट है, जहां से आसानी से नशे की खेप भारत में पहुंचाई जा रही है. 


ड्रग्स का चल रहा बड़ा नेक्सस


ड्रग्स के बारे में जानकारी देते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "ड्रग्स का एक बहुत बड़ा नेक्सस चल रहा है. असम की एंट्री पश्चिम बंगाल से ही होती है. एक तरफ बंगाल है और दूसरी तरफ बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा. यहां हर चीज की सप्लाई बंगाल के रास्ते ही होती है." इस शख्स ने ये भी बताया कि ड्रग माफिया धुबरी या फिर असम में नशे की प्रोडक्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे दूसरे राज्यों से 'जहर' को यहां तक पहुंचा रहे हैं. 


क्या है पाव ड्रग्स? 


बातचीत के दौरान शख्स ने बताया कि आखिर पाव ड्रग्स क्या है और युवा इसके जरिए किस तरह के नशा कर रहे हैं. उसने बताया, "अभी जो ड्रग्स युवाओं के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है, उसे पाव कहा जा रहा है. ये ड्रग ब्राउन शुगर की तरह एक छोटी शीशी में आता है. इसके कई रंग हैं, जैसे लाल, पीला, नीला और काला." 


शख्स ने आगे बताया, "पाव ड्रग्स का नशा बीड़ी या सिगरेट के जरिए किया जा रहा है. हथेली पर रखकर उसे युवा सूंघने या सटकने जैसा कुछ करते हैं. कभी-कभी कुछ युवा इस ड्रग्स को पानी में मिलाकर इंजेक्शन के जरिए ले रहे हैं." उसने बताया कि पहले कफ सिरफ का नशा होता था, लेकिन अब पाव का नशा हो रहा है. 


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