नई दिल्ली: कोरोना वायरस के केस लगातार देश में बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या आज बढ़कर 23452 हो गई. शाम के करीब साढ़े पांच बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1752 नए मामले आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है. मौत के कुल आंकड़ों को देखें तो COVID 19 से 723 लोगों की मौत हुई है और 4814 मरीज ठीक हो चुके हैं.


इसी बीच अब राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मरीज़ों पर प्लाज्मा का ट्रायल शुरू किया गया है. दिल्ली में आज चार मरीजों का प्लाजमा टेस्ट हुआ. आपके मन में भी ये सवाल आया होगा कि आखिर ये प्लाज्मा थेरेपी है क्या है इसके जरिए कैसे मरीजों को ठीक किया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी ?


प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्तियों के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को चढ़ाया जाता है. दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे.


प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है. एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है. इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है.


इससे कैसे किया जाता है इलाज


स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है जो उस वायरस से लड़ने के लिए होती है. एंटीबॉडी ऐसे प्रोटीन होते हैं जो इस वायरस को डिस्ट्रॉय या खत्म कर सकते हैं. वो एंटीबॉडी अगर प्लाज्मा के जरिए किसी मरीज को चढ़ाएं तो वह एंटीबॉडी अभी जो मरीज है जो उसके शरीर में मौजूद वायरस को मार सकती है.


प्लाज्मा थेरेपी कोई नई थेरेपी नहीं है. डॉक्टरों का मानना है की ये एक प्रॉमिनेंट थेरपी है जिसका फायदा भी हुआ और कई वायरल संक्रमण में इसका इस्तेमाल भी हुआ है.