नई दिल्लीः कोरोना से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब अबतक नहीं मिल पाया है. कोरोना से जीत चुके लोग अब पोस्ट कोविड सिम्पटम्स से परेशान हैं. परेशानी खासतौर से तब और बढ़ जाती है जब बात बच्चों की होती है. क्या हैं ये सिम्पटम्स कैसे होगा बचाव इन सवालों का जवाब दिया डॉक्टर डीके गुप्ता ने.
क्या हैं पोस्ट कोविड सिम्पटम्स
कोविड होने के बाद भी बच्चों को ऐसे सिंपटम्स हो रहे हैं जिसमें स्किन का ड्राइ होना, तबीयत खराब होना, वोमीटिंग होना, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां हो रही है. कुछ बच्चों में ऐसे रेयर सिंपटम भी देखने को मिल रहे हैं जिसमें कई सारे ऑर्गन जैसे कि हार्ट लंग इत्यादि प्रभावित हो रहे हैं. आंखों में लाली, कंजेक्टिवाइटिस जैसे सिंपटम्स , हाथ पैर में स्वेलिंग ,लूज मोशन जैसे सिम्पटम्स भी देखने को मिल रहे हैं.
कैसे करें बचाव
इसका उपाय एक ही है कि सिंपटम्स ज्यादा होने पर बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाया जाए. सीरियस केस में बच्चों को स्ट्रायड और हिमोग्लोबिन भी देना पड़ता है. मां बाप को बच्चों को उस वक्त अस्पताल जरूर लेकर के जाना चाहिए जब कोविड ठीक होने के 2 हफ्ते बाद अचानक से हाई ग्रेड फीवर बना रहने लगे, स्लिपीनेस ज्यादा होने लगे, सीजर आने लगे. यह ऐसे सिंपटम है जिसके बाद माता-पिता को बच्चों को एडमिट करा देना चाहिए.
कितना खतरनाक है ये सिंड्रोम
पोस्ट कोविड सिंड्रोम में हार्ट लंग से लेकर के लिवर और किडनी तक का इंवॉल्वमेंट होता है. ऐसे में अगर ध्यान नहीं दिया जाता है तो मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन हो सकता है. पोस्ट कोविड सिंपटम्स, चेन ऑफ सिंप्टम्स है. पोस्ट कोविड असर किस तरह का होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि कोविड ने मरीज के किस किस अंग पर असर किया है.
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