आखिर क्या होता है 'कोरम', जिसके पूरा नहीं होने की वजह से स्थगित हो गई लोकसभा की कार्यवाही, आसान भाषा में समझिए
लोकसभा की कार्यवाही में कोरम का पूरा होना अनिवार्य होता है. अगर कोरम पूरा नहीं होता है तो सभापति को ये अधिकार होता है कि वो कोरम के पूरा होने तक सदन को स्थगित कर दे.
Lok Sabha Quorum: लोकसभा में आम बजट 2023-24 की चर्चा के दौरान अब 'कोरम' (Quorum) पर सवाल खड़ा गया है. कोरम पूरा नहीं होने की वजह से बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. कोरम पूरा करने और सांसदों को सदन में बुलाने के लिए लगातार बेल भी बजाई गई थी, लेकिन फिर भी कोरम पूरा नहीं हो सका. आखिर में लोकसभा को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. अब तक आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि आखिर ये कोरम क्या है, जिसकी वजह से लोकसभा को स्थगित करना पड़ा.
दरअसल, डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने सदन में कोरम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक सदन का कोरम पूरा नहीं है. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधिकारियों को कम से कम 55 सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कोरम की घंटी बजाने का निर्देश दिया, जो सदन की कुल ताकत का 10 प्रतिशत है. चूंकि, सदन के अधिकारी आवश्यक संख्या को नहीं जुटा सके तो ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया.
क्या होता है कोरम?
लोकसभा और राज्यसभा में बैठक शुरू करने के लिए कम से कम 10 प्रतिशत सांसदों की मौजूदगी अनिवार्य है. इसे ही 'कोरम' कहा जाता है. अगर किसी समय कोरम न हो तो सभापति या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति का यह कर्तव्य होता है कि वह सदन को स्थगित कर दे या उसे तब तक निलंबित रखे जब तक कोरम पूरा न हो जाए. इसी वजह से बुधवार को कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. कोरम में एक और नियम है, अगर लोकसभा का कोई सदस्य लगातार 60 दिनों तक अध्यक्ष को सूचित किए बिना अनुपस्थित रहता है तो उसकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाती है.
कोरम क्यों नहीं हुआ पूरा?
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने लोकसभा में करीब 90 मिनट का भाषण दिया. उनके भाषण के बाद लगभग सभी सदस्य सदन से चले गए और कोरम पूरा नहीं हो सका. इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए डीएमके सांसद दयानिधि मारन (Dayanidhi Maran) ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के अधिकांश सांसद पीएम के संबोधन के बाद चले गए.
दयानिधि मारन ने कोरम का मुद्दा तब उठाया जब उनके सहयोगी टीआर बालू ने केंद्रीय बजट पर बहस पर अपना भाषण समाप्त किया. हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने कोरम की घंटी बजाई, लेकिन सदन इसे पूरा करने के लिए आवश्यक 55 सांसदों को नहीं जुटा सका. इसके बाद इसे स्थगित कर दिया गया.
संसद भवन से बाहर आते हुए दयानिधि मारन ने कहा, "जिस समय प्रधानमंत्री ने अपना जवाब दिया, पूरी ट्रेजरी बेंच ने सदन को खाली कर दिया... जब विपक्षी दल अपनी टिप्पणी करने की कोशिश कर रहे थे, तो सत्ता पक्ष का कोई सदस्य या कोई वरिष्ठ मंत्री मौजूद नहीं था.
भगवंत मान ने भी उठाया था कोरम का मुद्दा
इससे पहले 28 जून, 2019 को भी लोकसभा का कामकाज ठप हो गया था. उस समय आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने पानी की कमी पर एक निजी सदस्य के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कोरम का मुद्दा उठाया था. उस समय भी पर्याप्त संख्या में सांसद नहीं होने के कारण सदन स्थगित हो गया था.
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