Road Tax: गाड़ी खरीदते वक्त रोड टैक्स भरने के बावजूद क्यों देना पड़ता है Toll Tax ?
Road Tax And Toll Tax: रोड टैक्स आपसे गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही वसूल लिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोड टैक्स देने से आप किस बड़े झंझट से बच जाते हैं?
Road Tax vs Toll Tax: भारत ही नहीं, दुनिया के अधिकतर देशों में लोगों से रोड टैक्स वसूला जाता है. अब सवाल ये कि ये वाला टैक्स होता कौन सा है ? दरअसल, रोड टैक्स वो टैक्स होता है, जो हर व्यक्ति गाड़ी खरीदते वक्त चुका देता है.
वैसे आपको बता देते हैं कि दुनिया के तमाम देशों में रोड टैक्स को अलग-अलग नाम दिया गया है. हालांकि, आज दुनिया की बात न करके, भारत की बात करते हैं. तो क्या आप जानते हैं कि भारत में रोड टैक्स सभी गाड़ियों पर लगता है, चाहें वो दुपहिया वाहन हो या चार पहिया, निजी हों या फिर कमर्शियल. ये टैक्स राज्य सरकारों की तरफ से वसूला जाता है. इसलिए अलग-अलग राज्यों में रोड टैक्स अलग-अलग होता है.
वैसे क्या आप जानते हैं कि जब आप अपनी कार या बाइक को एक राज्य से दूसरे राज्य शिफ्ट करते हैं, तब वहां जाकर आपको फिर से रोड टैक्स देना पड़ता है....ये टैक्स किस वाहन पर और कितना देना पड़ता है, ये भी जरा समझ लेते हैं.
वैसे रोड टैक्स कितना लगेगा, ये गाड़ी की कीमत और उसके टाइप यानी की वो Hatchback, Sedan, SUV है, उस पर निर्भर करता है. जैसे बाइक का रोड टैक्स कम होता है, कार का उससे ज्यादा और ट्रक-बस का उससे भी ज्यादा होता है.
रोड टैक्स आपको बार-बार देने की जरूरत नहीं पड़ती है. ये आपसे गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही वसूल लिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोड टैक्स देने से आप किस बड़े झंझट से बच जाते हैं?
निजी वाहन खरीदते वक्त आपको रोड टैक्स देना ही होगा लेकिन जहां तक कमर्शियल की बात है, तो अगर आपको सालाना रोड टैक्स नहीं भरा, तो आपकी गाड़ी सीज भी हो सकती है.
रोड टैक्स और टोल टैक्स में फर्क
क्या आप जानते हैं कि जब रोड टैक्स देते हैं, तो फिर टोल टैक्स क्यों देना पड़ा है और इन दोनों टैक्सों में फर्क क्या है ?
आसान भाषा में आपको समझाते हैं. रोड टैक्स एक बार लिया जाने वाला टैक्स है, जिसे खरीदते वक्त जिले का RTO आपसे वसूलता है. टोल टैक्स का भुगतान तब करना होता है, जब आप टोल रोड पर सफर करते हैं , ये इनडायरेक्ट टैक्स होता है.
रोड टैक्स सभी गाड़ियों पर लगता है जबकि टोल टैक्स सफर के दौरान कुछ खास सड़कों पर ही लगता है जैसे हाईवे. रोड टैक्स राज्य की सरकारें वसूलती हैं जबकि टोल टैक्स NHAI यानी नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया वसूलती है. बाइक पर कोई टोल टैक्स नहीं लगता है, लेकिन बाइक खरीदते वक्त आपको रोड टैक्स जरूर देना पड़ता है.
प्राइवेट और कमर्शियल पर अलग टैक्स
यहां आपको 1-2 जरूरी पॉइंट और समझा देते हैं. प्राइवेट व्हीकल पर रोड टैक्स एक बार देना पड़ता है और कमर्शियल वाहन पर सालाना रोड टैक्स देना होता है. रोड टैक्स हर वाहन मालिक पर लागू होता है, चाहे वो सड़क पर गाड़ी चलाए या नहीं. रोड टैक्स गाड़ी सड़क पर उतारने के लिए लगता है (यानी रजिस्ट्रेशन के दौरान)
रोड टैक्स वाहन की कीमत का एक हिस्सा होता है. टोल टैक्स रोड की लंबाई पर निर्भर करता है. ऐसा नहीं है आपको हमेशा ही टोल टैक्स देना पड़ता है. अगर किसी हाइवे या सड़क, पुल, सुरंग, जो भी टोल रोड हैं, उनपर खर्च होने वाला पैसा वसूल कर लिया जाता है, तो कुछ चुनिंदा स्थितियों में टोल टैक्स वसूलना बंद भी हो जाता है.
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