Same Sex Marriage Issue: समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (मंगलवार, 17 अक्टूबर) फैसला सुनाएगा. इससे पहले कोर्ट ने 10 दिन चली सुनवाई के बाद इस साल 11 मई को फैसला सुरक्षित रखा लिया था. सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने की मांग की थी.
गौरतलब है कि लंबे समय तक समलैंगिकता को भारत में अपराध की श्रेणी में रखा गया था. हालांकि, 2018 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया. समलैंगिक विवाह को लेकर भारत के कई पड़ोसी देश भी एक मत नहीं हैं. कहीं इसे अपराध ही माना जाता है तो कहीं इसे मान्यता देने की तैयारी चल रही है.
भारत के पड़ोसी देशों में सेम सेक्स को लेकर क्या है स्थिति?
बांग्लादेश में सेम सेक्स को लेकर सजा का प्रावधान है. यहां आपसी सहमति से भी यौन संबंध बनाने पर सजा मिलती है. वहीं, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मालदीव में इसे अपराध माना जाता है और इस पर सजा मिल जाती है. इसके अलावा चीन में भी कानूनी तौर पर समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं है.
दूसरी ओर भूटान ने सोडोमी लॉ को 2021 में हटा दिया था. सोडोमी कानून एक ऐसा कानून है, जो कुछ यौन कृत्यों को अपराध के रूप में परिभाषित करता है. आम तौर पर अदालतें इसे अप्राकृतिक या अनैतिक मानती हैं. श्रीलंका में सोडोमी लॉ को हटाने के लिए बिल संसद में पेश किया जा चुका है, जो अभी भी पेंडिंग है.
नेपाल ने सजा को किया खत्म
नेपाल ने 2007 में ही इस पर सजा को खत्म कर दिया था. हालांकि, इस सिलसिले में अब तक संसद से कोई नया कानून नहीं बना है. हाल ही में नेपाल की दो निचली अदालतों ने सेम सेक्स शादी को रजिस्टर्ड करने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को रजिस्टर्ड करने का अंतरिम आदेश दिया है.