Delhi Liquor Policy: दिल्ली में CBI ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर समेत 21 जगहों पर छापेमारी की है. माना जा रहा है कि यह छापेमारी शराब पॉलिसी को लेकर हुई है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति (Excise Policy) पर सवाल खड़े करते हुए इसकी जांच की सिफ़ारिश CBI को सौंप दी थी.
क्या है नई शराब पॉलिसी
दिल्ली में पिछले साल नई आबकारी नीति लागू की गई थी. जिसके मुताबिक दिल्ली (Delhi) को 32 जोन में बांटा गया था. इनमें 849 लाइसेंस आवंटित किए गए थे. इन 32 जोन में हर एक जोन में औसतन 26 से 27 शराब की दुकानें (Liquor Shops) खुल रही थीं. दिल्ली में अभी तक 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी निजी हाथों में थीं लेकिन इस नीति के बाद 100 फीसदी दुकाने निजी हाथों में चली गई थीं.
नई आबकारी नीति के मुताबिक शराब की बिक्री से जुड़े नियम अब इस प्रकार थे-
दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा को घटा दिया गया था. इस नीती के अनुसार उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई थी.
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ऑपरेटेड इंडिपेंडेंट शॉप और होटल पर 24 घंटे शराब की बिक्री हो रही थी.
पहले की तुलना में शराब को दुकानों की दूरी कम कर दी गई थी. इस नीती के तहत शराब की दुकान कम से कम 500 वर्ग फीट में ही खुल रही थी. पहले अधिकांश सरकारी दुकानें 150 वर्ग फीट में थी, जिनका काउंटर सड़क की तरफ होता था.
दुकान का कोई काउंटर सड़क की तरफ नहीं था.
लाइसेंसधारक मोबाइल एप या वेबसाइट के माध्यम से ऑर्डर लेकर शराब की होम डिलीवरी कर रहे थे.
किसी छात्रावास, कार्यालय या संस्थान में शराब की डिलीवरी करने की इजाजत नहीं थी.
दुकानों में व्यवस्था की गई थी एंट्री और एक्जिट गेट अलग थे. दुकानों के बाहर खाने-पीने की दुकानें नहीं थीं. सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई थी.
सभी दुकानें मार्केट रेट के हिसाब से शराब की कीमत तय कर रही थीं.
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