National Party Status Criteria: निर्वाचन आयोग ने सोमवार (10 अप्रैल) को आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया. साथ ही तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. आप (AAP) को चार राज्यों- दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है.
अब सवाल ये है कि टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों छीना गया है. चुनाव आयोग के अनुसार, किसी पार्टी के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए तीन शर्तों में किसी एक को पूरा करने की जरूरत है.
तीन नियमों में से कम से कम एक को पूरा करना जरूरी
पहला पार्टी के उम्मीदवारों को कम से कम चार राज्यों में पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कुल मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मिला हो. इसके अलावा पिछले लोकसभा चुनावों में उसके चार सांसद हों. या फिर पार्टी को लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों. या पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हो.
देश में अब कितनी राष्ट्रीय पार्टी?
तृणमूल, एनसीपी और सीपीआई अब राष्ट्रीय पार्टी कहलाने की इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाई. पहले आठ राष्ट्रीय दल थे जिसमें तृणमूल, बहुजन समाज पार्टी, बीजेपी, भाकपा, भाकपा (मार्क्सवादी), कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और राकांपा शामिल थे. अब एनसीपी, तृणमूल और सीपीआई को हटाकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के इस सूची में शामिल होने के साथ देश में छह राष्ट्रीय पार्टी हैं.
आयोग ने कहा कि एमसीपी और तृणमूल कांग्रेस को हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में रालोद, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी को दिया गया राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा भी खत्म कर दिया गया है.
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