Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों गजब की तेजी में है. वह रोज राजधानी भोपाल से बाहर राज्य के अन्य जिलों का दौरा कर रहे हैं और दौरे के दौरान भ्रष्टाचार या लापरवाही पाने पर सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर रहे हैं. शिवराज की इस तेजी को आने वाले दिनों में चुनाव से जोड कर देखा जा रहा है. प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दावा कर रही है कि शिवराज अब अपनी जमीन खो चुके हैं इसलिए बेवजह की कवायद करके सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं.


मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को सिहोर जिले के छीपानेर पहुंचे और वहां पर राशन की दुकान पर जाकर पूछा कि सबको राशन मिल रहा है कि नहीं. वहां पर उन्होंने पूछा कि मुझे पता कैसे चलेगा कि यहां पर क्या हो रहा है, और उसके बाद उन्होंने राशन की दुकान का रजिस्टर भी चेक किया. इस दौरान सीएम ने कलेक्टर की मदद से बोरियों को तुलवाया. जब वह इससे संतुष्ट हो गये तब वह वहां से निकले.


सीएम ने किया स्कूल का दौरा
सीएम शिवराज सिंह चौहान नसरूल्लागंज में बच्चों के स्कूल गये और वहां पर उन्होंने मास्टर बनकर बच्चों को पढ़ाया. वहीं एक बच्चे से पूछने पर उसने उनको बताया कि वह प्रधानमंत्री हैं इस पर शिवराज मुस्कुरा दिये. दो दिन पहले ही शिवराज डिंडोरी के दौरे पर गये थे, वहां पर वह बिना लंबा चौड़ा काफिला लेकर पहुंचे, यहां पर सिंचाई परियोजना का काम लंबे समय से अटका पडा था. परियोजना का काम ठीक नहीं मिलने पर उन्होंने वहीं पर चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया. 


अपने इस दौरे के दौरान डिंडोरी के पास उन्होंने मंडला जिले का दौरा किया. यहां पर वह राज्य के सरकारी अस्पताल पहुंचे और हाथ के कागज से गिनाने लगे कि मुझे बताओ कि अस्पताल कायाकल्प राशि का क्या किया? उन्होंने पूछा कि भोपाल से जो उपकरण मिले है वो कहां लगे हैं? इन सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने सीएमओ को सस्पेंड कर दिया. 


पेसा कानून लागू करने को लेकर चला रहे हैं जन जागरण अभियान
इन छापामार कार्रवाइयों के अलावा शिवराज इन दिनों पेसा कानून को लागू करने के बाद आदिवासियों में जन जागरण अभियान में भी लगातार जा रहे हैं और वो मंच से आदिवासियों के मास्टर टेनर बन कर उनको सिखाते हैं कि कानून के क्या फायदे है.  ऐसे ही इंदौर के कार्यक्रम में वो लव जिहाद पर बोल बैठे कहा लव जिहाद एमपी की धरती पर नहीं चलने दूंगा.  कोई भी छल कर ले हमारे बच्चों से शादी कर उनके 35 टुकडे कर दे हम सहन नहीं करेगे.  जरूरत हुयी तो नया कडा कानून बनायेंगे इसके खिलाफ.  ये अफजल श्रद्धा केस का हवाला दिया गया था. 


मध्यप्रदेश में कब हैं विधानसभा चुनाव?
दरअसल इस सक्रियता के पीछे मध्यप्रदेश में आने वाले साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं जिस कारण शिवराज रोज दौरे कर रहे हैं और प्रशासन की उन कमियों को देख रहे हैं जो लंबे शासन काल के कारण पनप गईं थी. शिवराज ने शायद ये साफ कर दिया है कि उनको अपने दम पर ही चुनाव लडना होगा. इसलिये उन्होंने एक साल पहले ही जान लगा दी थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले जनता शिकायत करे वो खुद ही सरकार की कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करेंगे. 


क्या भारत जोड़ो यात्रा है कारण?
राहुल गांधी की यात्रा को प्रदेश में मिले जन समर्थन ने शिवराज की नींद उडा रखी है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपनी सारी कमजोरियों के बाद भी मुकाबले में बनी हुई है. इसलिये शिवराज सहानुभूति और सख्ती एक साथ दिखा रहे हैं. मगर कांग्रेस का कहना है कि शिवराज की जमीन खिसक चुकी है इसलिये वो ऐसी हरकते कर रहे हैं.


मध्यप्रदेश में अगले दिसंबर में चुनाव होने हैं पिछली बार शिवराज की अगुवाई में चुनाव हुये थे तो बीजेपी पांच सीटों से कांग्रेस से चुनावी दौड में पीछे रह गयी थी. मगर इस बार शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो उत्साह में किये जा रहे इन दौरों का नुकसान भी शिवराज को हो सकता है क्योंकि भ्रष्टाचार और लापरवाहियों की जिम्मेदार अठारह साल से राज कर रही बीजेपी की सरकार भी तो होगी.


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