कोरोना वैक्सीन बन जाने पर सरकार की क्या है तैयारी, स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को बताया कि सरकार वैक्सीन बनने के बाद के लिए क्या प्रक्रिया अपनाएगी और किन लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी.
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नई दिल्ली: कोरोना की वैक्सीन कब तैयार होगी यह अभी ठीक से नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब वैक्सीन तैयार होगी तो भारत सरकार ने इसको लेकर क्या तैयारी की है, इसका जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को दिया. ‘संडे संवाद’ नाम के कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि सरकार वैक्सीन बनने के बाद क्या प्रक्रिया अपनाएगी और किन लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया की इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. राज्य सरकार टीके प्राप्त करने के लिए प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों की जानकारी देगी, खासकर कोविड-19 के प्रबंधन में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की, जिसमें फ्रंटलाइन हैल्थ वर्कर की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सैनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, सर्विलांस अधिकारी और कई अन्य होंगे जो मरीजों के पता लगाने, परीक्षण और उपचार में शामिल हैं. लिस्ट बनाने का ये काम इस अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है.
हर्षवर्धन ने कहा, “इसके लिए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है, जो पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है. वैक्सीन की खरीद केंद्रीय रूप से की जा जाएगी और प्रत्येक खेप को रियल टाइम ट्रैक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसे उन लोगों तक पहुंचाना है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.”
डॉ हर्षवर्धन ने वैक्सीन को लेकर कही ये बड़ी बातें-
- सरकार की कोविड-19 वैक्सीन की 400-500 मिलियन डोज़ प्राप्त कर इस्तेमाल करने की योजना है.
- सरकार का जुलाई, 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को कवर करने का लक्ष्य.
- राज्यों को सलाह दी गई कि वे अक्टूबर के अंत तक प्राथमिकता जनसंख्या समूहों का विवरण भेजें.
- फ्रंटलाइन हैल्थ वर्कर को कोविड-19 का वैक्सीन देने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.
- वैक्सीन की खरीद केंद्रीय स्तर पर की जाएगी और प्रत्येक खेप की रीयल टाइम निगरानी की जाएगी.
- भारतीय वैक्सीन विनिर्मिताओं को सरकार पूर्ण सहयोग दे रही है.
- सरकार वैक्सीन की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करने को प्रतिबद्ध है.
वहीं, एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया की वैक्सीन के वितरण में कोई कालाबाजारी नहीं होगी, इसका वितरण पूर्व निर्धारित प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित तरीके से किया जाएगा. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आने वाले महीनों में समूची प्रक्रिया का विवरण साझा किया जाएगा.
रूस के वैक्सीन स्पुतनिक-वी के रूस में क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण के बारे में एक सवाल के जवाब में डॉ. हर्षवर्धन ने साफ किया कि ये विषय अभी विचाराधीन है और अभी तीसरे चरण के परीक्षण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
भारत में कुल तीन वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है, जिसमें से दो वैक्सीन जो कि स्वदेशी है, उनका ट्रायल दूसरे चरण में है. वहीं ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन जिसका ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है, वो तीसरे चरण में है. कई जानकारों का मानना की कोरोना की वैक्सीन साल के अंत या अगले साल ही आ पाएगी.
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