नई दिल्ली: अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी मंत्रिमंडल अब नए तेवर और कलेवर में दिखने जा रहा है. जितना बड़ा राज्य, मंत्रिमंडल में उतनी ही बड़ी हिस्सेदारी का फॉर्मूला अपनाया गया है. कोशिश अनुभव के साथ-साथ युवाओं को भी जगह देने की है. 


सूत्रों के मुताबिक नए मंत्रिमंडल में बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता नारायण राणे शामिल हो सकते हैं. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों का दिल्ली आगमान शुरू भी हो चुका है.


कैबिनेट मंत्री की सैलरी कितनी होती है, कैसे तय होती है सैलरी? 
कैबिनेट विस्तार की खबरों के बीच कैबिनेट मंत्री की सैलरी की बात करें तो इन्हें हर महीने 1,00,000 रुपए मूल वेतन मिलता है. इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए, कार्यालयी भत्ता 60,000 रुपए और सत्कार भत्ता 2,000 रुपए रुपए शामिल है. राज्य मंत्रियों को 1,000 रुपए प्रतिदिन और डिप्टी मंत्री को 600 रुपए प्रतिदिन सत्कार भत्ता मिलता है.


2018 तक सांसद समय-समय पर अपने वेतन में संशोधन के लिए कानून पारित करते थे. इससे कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती थी साल 2018 में फाइनांस एक्ट, 2018 के जरिए कानून में संशोधन किया गया. इस एक्ट के मुताबिक सांसदों के वेतन, दैनिक भत्ते और पेंशन में हर पांच साल में बढ़ोतरी की जाएगी. इसका आधार इनकम टैक्स एक्ट, 1961 मे दिया गया लागत मुद्रास्फीति सूचकांक होगा.


कैबिनेट मंत्री को क्या क्या सुविधाएं मिलती हैं?
कैबिनेट मंत्री को संसद सदस्य की तरह की यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, स्टीमर पास, आवास, टेलीफोन सुविधाएं, और वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि मिलती है. इसके साथ ही अगर लोक सभा अपने पूर्ण कार्यकाल से पूर्व भंग हो जाती है तो ऐसी भंग लोक सभा के सदस्‍य लोक सभा के भंग होने की तारीख से नई लोक सभा के गठन होने तक अप्रयुक्‍त टेलीफोन कॉलों, बिजली यूनिटों तथा पानी की यूनिटों के उपयोग के हकदार हैं. 


इसके अलावा, यदि कोई सदस्‍य अगली लोक सभा में पुन: निर्वाचित होता है तो वह पहले वर्ष के कोटे से मध्‍यवर्ती अवधि के दौरान कोटे से अधिक उपयोग की गई टेलीफोन कॉलों, बिजली तथा पानी की यूनिटों के समायोजन का हकदार है. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को पेंशन, नि:शुल्‍क रेल यात्रा सुविधा, चिकित्‍सा सुविधाएँ, दिवंगत सदस्य की मृत्यु के समय आश्रित को उसे मिलने वाली पेंशन का 50 प्रतिशत और नि:शुल्‍क स्‍टीमर सुविधा मिलेगी.