नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ देश एक जंग लड़ रहा है. जब देश का प्रत्येक नागरिक इस बुरे वक्त से अपना-अपना योगदान दे रहा है. इसी बीच केंद्र की कैबिनेट ने बड़ा फैसला करते हुए मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट एक्ट, 1954 के तहत सैलरी, अलाउंस व पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दी है. इसके बाद अगले एक साल तक सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की सैलेरी का 30 प्रतिशत काटा जाएगा. इनके अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सैलेरी का भी 30 प्रतिशत एक साल तक काटा जाएगा.
ऐसे में आइए जानते हैं कि देश के राष्ट्रपति को कितनी सैलेरी मिलती है और 30 फीसदी की कटौती के बाद उनकी सैलेरी अगले एक साल तक कितनी आएगी.
कितनी है राष्ट्रपति की सैलेरी
संसद अधिनियम 1954 वेतन, भत्ते और पेंशन में 2018 में संशोधन हुआ. इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति की सैलेरी पांच लाख हर महीने की कर दी गई. पहले राष्ट्रपति की सैलेरी 1.5 लाख हुई करती थी.
कटौती के बाद सैलेरी
अगर राष्ट्रपति की सैलेरी पांच लाख है और उसमें से 30 प्रतिशत हम घटा दें तो बचता है 3.5 लाख. यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अगले एक साल तक तीन लाख पचास हजार की सैलेरी हर महीने मिलेगी.
सरकार ने बताया कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कटौती करने की सिफारिश की है. इसके अलावा मोदी सरकार ने फैसला किया है कि दो सालों के लिए सांसद निधि का पैसा जारी नहीं होगा.