मुंबई: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियों कार मिलने के मामले में हर दिन खुलासे हो रहे हैं. एटीएस के सूत्रों ने बताया कि जिस समय एटीएस मनसुख हिरण हत्या की जांच कर रही थी, उस समय एटीएस ने मुम्बई पुलिस को जांच से जुड़े सीसीटीवी के लिए लेटर लिखा था, लेकिन मुम्बई पुलिस का कोई जवाब नहीं आया था. जिसके बाद एटीएस ने एक और लेटर लिखकर फरवरी से लेकर घटना के समय का पूरा सीसीटीवी फुटेज प्रिजर्व करने को कहा था.
चार गाड़ियों की कहानी
- पहली गाड़ी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एटीएस को जानकारी मिली थी कि 17 फरवरी की रात 8 बजकर 26 मिनट पर मनसुख जिस मर्सिडीज़ में 9 मिनट की मीटिंग करता है, वो मर्सिडीज़ बाद में मुम्बई पुलिस कमिश्नर ऑफिस में जाकर खड़ी हो जाती है. जिसे बाद में एनआईए ने जब्त किया था.
- दूसरी गाड़ी
मनसुख हिरण के स्टेटमेंट के मुताबिक, उसकी स्कॉर्पियो 17 फरवरी को चोरी हुई थी, लेकिन वह गाड़ी भी 21 फरवरी से लेकर 24 फरवरी तक कमिश्नर ऑफिस में ही खड़ी की गई थी. यह गाड़ी मनसुख हिरण की थी, जिसका इस्तेमाल सचिन वाजे भी करते थे और उसी गाड़ी में 20 जिलिटीन स्टिक्स, धमकी भरा पत्र लिखकर मुकेश अम्बानी के घर के नजदीक खड़ा कर दिया गया था.
- तीसरी गाड़ी
सीआईयू की सरकारी इनोवा गाड़ी, जिसका इस्तेमाल एंटीलिया कांड में हुआ था. वो गाड़ी भी कमिश्नर ऑफिस में ही खड़ी होती थी. इस गाड़ी को ढूंढने में महाराष्ट्र एटीएस को बड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ा था. यह गाड़ी स्कॉर्पियो के साथ साथ थी, जिस समय स्कॉर्पियो को एंटीलिया के पास खड़ा किया गया था. इस गाड़ी को एनआईए ने मुम्बई पुलिस के मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग से जप्त किया था.
- चौथी गाड़ी
एनआईए ने अपनी जांच के दौरान एक लैंड क्रूजर प्राडो कार को जब्त किया है. यह गाड़ी भी कमिश्नर ऑफिस में ही खड़ी होती थी और इसी गाड़ी से पहली बार मनसुख को सचिन वाजे स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए कमिश्नर ऑफिस लेकर आये थे.
क्यों चाहिए थे सीसीटीवी फुटेज?
महाराष्ट्र एटीएस को जानकारी मिली थी कि कमिश्नर ऑफिस का कुछ कनेक्शन इन मामलों से है. जिसके बाद एटीएस से मुम्बई पुलिस को खत लिखकर सीसीटीवी की मांग की थी. लेकिन कमिश्नर ऑफिस से कोई भी जवाब नहीं आया था. एटीएस ने तीन लेटर लिखे थे लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद एटीएस ने चौथा लेटर लिखा, जिसमें उनको घटना से 45 दिन पहले और बाद के फुटेज संभालकर रखने को कहा था.
एक अधिकारी ने बताया," इतने गंभीर मामले की जांच के दौरान इतना ढीला काम नहीं देखा था. इन सबसे तो ऐसा लग रहा था कि क्या कोई है जो इंवेस्टिगेटिंग को धीमा करने की कोशिश में था?"
एटीएस का सीक्रेट ऑपरेशन!
10 मार्च को एपीआई सचिन वाजे ने कुछ पत्रकारों को बताया था कि कोई उनका पीछा कर रहा है, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने वरिष्ठों को भी दी थी. एक अधिकारी ने बताया कि जब एटीएस को जानकारी मिली थी कि एंटीलिया कांड में जिस इनोवा गाड़ी का इस्तेमाल किया था, वो सीआईयू की थी. तब से ही हमें सचिन वाजे पर भी शक होने लगा था.इस वजह से एटीएस की एक टीम सचिन वाजे पर नजर रख रही थी. लेकिन वाजे भी उसके लोगों को एटीएस पर नजर रखने कहा था ताकि उसे पता रहे कि एटीएस क्या कुछ कर रही थी. वाजे को पता चला कि एक गाड़ी उसपर नजर रख रही है तो उसने इस तरह का ड्रामा किया था.
एटीएस की टीम के एक अधिकारी ने बताया, ‘’हमें डर था कि अगर हम हटेंगे तो शायद इनोवा गाड़ी कहीं गायब न हो जाए. लेकिन जैसे ही मीडिया ने उस गाड़ी को टीवी पर दिखाना शुरू कर दिया, वैसे ही हमने उस गाड़ी को वहां से हटा दिया था. लेकिन हमने हमारा एक अंडरकवर ऑफिसर कमिश्नर कंपाउंड में बैठाकर रखा था, जिसकी नजर हर समय उस इनोवा गाड़ी पर थी और वही जानकारी हमने एनआईए को दी, जिसके बाद उस गाड़ी को सीज किया गया.’’
यह भी पढ़ें-
ममता के बयान पर गरमाई राजनीति: गिरिराज सिंह बोले- रोहिंग्या को बसाने वाले खौफ से गोत्र पर उतरे