भगौड़े मेहुल चोकसी के एंटीगुआ से गायब होने की क्या है सच्चाई? पता लगाने में जुटी CBI
भारत में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला कर भागे मामा भांजे की जोड़ी मेहुल चौकसी और नीरव मोदी उस समय प्रकाश में आए थे, जब भारतीय बैंकों ने खुलासा किया था कि मामा भांजे की जोड़ी ने उन्हें हजारों करोड़ का चूना लगा दिया है और इस पूरे षडयंत्र में बैंकों के बड़े अधिकारी कर्मचारी भी शामिल थे.
नई दिल्ली: 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी के रहस्यमय तरीके से कैरेबियाई देश एंटीगुआ से गायब होने को लेकर सीबीआई ने इंटरपोल समेत एंटीगुआ दूतावास से संपर्क साधा है और डिप्लोमेटिक स्तर पर भी इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वास्तव में सच्चाई क्या है. दूसरी तरफ मेहुल के वकील का दावा है कि मेहुल चौकसी गायब है, जिसे लेकर उसका परिवार चिंतित है. यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि मेहुल चौकसी किसी और देश में भी शरण लेने की कोशिश कर सकता है हालांकि उसके वकील ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है.
भारत में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला कर भागे मामा भांजे की जोड़ी मेहुल चौकसी और नीरव मोदी उस समय प्रकाश में आए थे, जब भारतीय बैंकों ने खुलासा किया था कि मामा भांजे की जोड़ी ने उन्हें हजारों करोड़ का चूना लगा दिया है और इस पूरे षडयंत्र में बैंकों के बड़े अधिकारी कर्मचारी भी शामिल थे. दिलचस्प यह भी है कि इनमें मेहुल चोकसी ने अपने भागने के पहले ही कैरेबियाई देश एंटीगुआ में नागरिकता भी हासिल कर ली थी और इसके लिए बाकायदा उसने मुंबई पुलिस से क्लीन चिट भी ली थी.
साल 2018 से ही मेहुल चौकसी एंटीगुआ में बताया जा रहा है और उसके बाद भारत सरकार ने उसे वापस लाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी शुरू कर दी थी. एक तरफ मेहुल चोकसी का दावा था कि वह एंटीगुआ का वैध नागरिक है. वहीं दूसरी तरफ जांच एजेंसियों का कहना था कि उसने भारत से हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया है और गलत तरीके से जानकारी देकर एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की है, लिहाजा उसकी नागरिकता रद्द की जाए. यह मामला एंटीगुआ की कोर्ट में भी चल रहा है.
दूसरी तरफ भारत सरकार ने उसे वापस लाने के लिए डिप्लोमेटिक लेवल पर भी प्रयास करने शुरू कर दिए थे और इसी के तहत एंटीगुआ के प्रधानमंत्री और भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों समेत विदेश मंत्रालय के अनेक आला अधिकारी के बीच बातचीत जारी थी. माना जा रहा है कि यह बातचीत अहम मोड़ पर थी इसी बीच मेहुल चौकसी के वकील विजय अग्रवाल के हवाले से खबर आई कि मेहुल चौकसी एंटीगुआ से गायब हो गया है और उसे यह सूचना उसके परिजनों ने दी है.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया की ऐसी सूचनाएं उनके पास भी आई हैं जिसे लेकर जांच एजेंसी ने संज्ञान लिया है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक मेहुल चौकसी क्या वास्तव में ही एंटीगुआ से गायब हो गया है इस बात की पुष्टि के लिए सीबीआई इंटरपोल समेत एंटीगुआ दूतावास के संपर्क में है और इसके अलावा सीबीआई डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए भी यह सच्चाई पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मेहुल चोकसी वास्तव में गायब है या फिर उसकी यह कोई नई चाल है.
सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार और एंटीगुआ प्रशासन के बीच जिस तरह से बातचीत चल रही थी उसे लेकर यह लगने लगा था कि मेहुल चौकसी को भी नीरव मोदी की तर्ज पर जल्द ही भारत भेजने के आदेश जारी हो जाएंगे. ध्यान रहे कि मेहुल चौकसी के भांजे नीरव मोदी को लंदन प्रशासन ने भारतीय इंटरपोल के अनुरोध पर गिरफ्तार कर लिया था और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद लंदन की कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश जारी कर दिए थे. इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं खुद को भारत प्रत्यर्पित होता देख मेहुल चौकसी किसी और देश में शरण लेने के जुगाड़ में ना लग गया हो.
अभी तक की प्राप्त जानकारी के मुताबिक उसे आखिरी बार एंटीगुआ के एक रेस्टोरेंट होटल में देखा गया था हालांकि मेहुल चौकसी के वकील का दावा है कि मेहुल चौकसी एंटीगुआ का वैध नागरिक है और उसे वहां कोई भी खतरा नहीं है ऐसे में वह खुद को क्यों गायब करेगा. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है कि मेहुल चौकसी वास्तव में गायब हो गया है या किसी और देश में शरण लेने की फिराक में है तो अगली कार्रवाई शुरू की जाएगी.