नई दिल्ली: दो साल की लंबी खींतचान, टकराव, तनाव और लोकसभा व राज्यसभा में भारी बहस और विरोध के बीच आखिरकार 30 जुलाई 2019 को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2019 राज्यसभा में पास हो गया. ये बिल 25 जुलाई को ही लोकसभा से पास हो चुका था. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून की शक्ल अख्तियार कर लेगा. इसका सीधा मतलब ये है कि अब कोई मुस्लिम पुरुष एक साथ तीन तलाक देकर अपनी बीवी को छोड़ नहीं सकता है और अगर ऐसा करता है तो उसे जेल जाना होगा और जुर्माना भी भरना होगा.


तीन तलाक क्या है जिसे खत्म किया गया है?

तीन तलाक ये है कि अगर कोई मर्द तलाक के सही तरीके की नाफरमानी करते हुए भी एक ही बार में तलाक, तलाक और तलाक कह देता है तो तीन तलाक मान लिया जाएगा, यानि तलाक हो गई. अब पति-पत्नी साथ नहीं रह सकते. दोबारा शादी नहीं हो सकती, समझौता नहीं हो सकता. तलाक वापस नहीं लिया जा सकता. चाहे मर्द ने गुस्से में ही तीन तलाक क्यों नहीं दिया हो.


दिलचस्प बात ये है कि दुनिया में सुन्नी मुसलमानों के चार स्कूल ऑफ थॉट हैं और ये चारों स्कूल एक साथ तीन तलाक पर अमल करते हैं. अब भारत में इसे कानून बनाकर खत्म कर दिया गया है. यानि अब अगर कोई मुस्लिम मर्द अपनी पत्नी को एक साथ तीन तलाक देता है तो अब अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है.


इस्लाम में तलाक का सही तरीका क्या है?

ये गौर करने की बात है कि इस्लाम में शादी एक जन्म-जन्मांतर का बंधन नहीं होता है, बल्कि एक अहदो पैमान यानि पक्का समझौता ( सिविल कॉन्ट्रैक्ट) होता है, जो एक मर्द और एक औरत की आपसी रज़ामंदी के बाद करार पाता है. इस कॉन्ट्रैक्ट को दोनों की रज़ामंदी से कभी भी तोड़ा जा सकता है. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी है.


याद रखने वाली बात ये है कि इस्लाम में जहां शादी खत्म करने का हुक्म दिया है वहीं इसे जायज़ चीज़ों में सबसे खराब कहा गया है यानि तलाक जायज़ है, लेकिन एक बुरी चीज़ है. इससे बचने की हिदायत दी गई है.


कब तोड़ी जा सकती है शादी?


अगर मियां बीवी में झगड़े इतने बढ़ गए कि साथ रहना नामुमकिन है तो उन्हें अलग होने की छूट है. लेकिन एक पल में तलाक नहीं दे सकते, बल्कि तीन महीने में तलाक दे सकते हैं.


अगर पति पत्नी के बीच बहुत झगड़े हो रहे हैं और शादी टूटने की नौबत हो तो तलाक से पहले दोनों परिवारों की तरफ से सुलह की कोशिश होनी चाहिए और अगर ये नाकाम हो जाता है तो पहला तलाक दिया जाए. फिर दोनों साथ रहें, अगर सुलह हो जाए तो अच्छी बात है और अगर बात नहीं बनी तो दूसरे महीने में दूसरा तलाक दिया जाए. इसके बाद भी पति पत्नि साथ रहें और सुलह की कोशिश होनी चाहिए अगर बात बन जाए तो ठीक है वरना तीसरा तलाक दिया जाए. अगर तीसरा तलाक हो गया तो अब पति पत्नी साथ नहीं रह सकते. तीन तलाक के बाद दोनों को रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो जाता है.


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