कोरोना महामारी की वजह से आज पूरी दुनिया में काफी बदलाव हुआ है. हमारी जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रही है. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजिंग करना आदी ये सब जिदंगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. वहीं जिदंगी को वापस नॉर्मल करने के लिए दुनिया भर के कई देशों में कोरोना संक्रमण के खिलाफ कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. इन्ही में से एक है वैक्सीन पासपोर्ट. ये पासपोर्ट हाल ही में इजरायल में जारी किया गया है. अन्य देश भी इजरायल की तरह इसे जारी करने की तैयारी कर रहे हैं.


क्या है वैक्सीन पासपोर्ट


अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा पासपोर्ट है, तो आपको बता दें कि ये एक तरह से आपका हेल्थ कार्ड होगा जिसमें कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी सभी जानकारी देनी अनिवार्य होंगी. मसलन आपको कोरोना वैक्सीन लगी है या नहीं. आपका कोरोना टेस्ट हुआ है या नहीं, और ये पॉजिटिव है या नेगेटिव आदी. गौरतलब है कि ये वैक्सीन पासपोर्ट विदेशी यात्राओं के दौरान ही नहीं बल्कि किसी सार्वजनिक स्थान, स्टेडियम, दफ्तर, सिनेमा हॉल आदी में एंट्री लेते समय दिखाना भी अनिवार्य होगा. अगर आपका वैक्सीनेशन हुआ है तो आपको एंट्री दी जाएगी वरना आपको लौटा दिया जाएगा.


बता दें कि ये आइडिया वैक्सीनेशन के  प्रूफ पर आधारित है,महामारी से पहले भी कई देशों को इसकी आवश्यकता थी. कई अफ्रीकी देशों से अमेरिका या भारत आने वाले यात्रियों को इस बात का प्रमाण देना होता है कि उन्होंने येलो फीवर जैसे रोगों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराया है या नहीं.


डिजिटल डॉक्यूमेंट के रूप में होगा वैक्सीन पासपोर्ट


भले ही इसे पासपोर्ट कहा जा रहा है लेकिन ज्यादातर वैक्सीन पासपोर्ट की परिकल्पना डिजिटल दस्तावेजों के रूप में की गई है. ये पासपोर्ट इस बात का प्रूफ होगा कि धारक को कोविड -19 के खिलाफ टीका लगाया गया है और इसलिए वह "सुरक्षित" है. वैक्सीन पासपोर्ट एक और जरूरी काम करेगा, वह है पूरे देश में टीकाकरण रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना.हालांकि कुछ देशों ने बायपास क्वारंटाइन नॉर्मस को दरकिनार करने के लिए वैक्सीनशेन के प्रूफ को स्वीकार करना शुरू कर दिया है, वैक्सीन पासपोर्ट का एक सामान्य और यूनिवर्सिली रूप से स्वीकृत संस्करण अभी तक आना बाकी है.


इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना


लगातार डिजिटल हो रही इस दुनिया में सभी को अपना डेटा लीक होने का डर है. हाल ही में फेसबुक और व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगे कि इनके इस्तेमाल से यूजर्ट का डेटा लीक हो रहा है. ऐसे में वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर सबसे बड़ी चिंता इसकी गोपनीयता को लेकर होगी. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ एक दस्तावेज के रूप में आएगा या इसके लिए कोई एप बनेगी. बताया जा रहा है कि ट्रैवल के अलावा कॉन्सर्ट वेन्यू, मूवी थिएटर, दफ्तर आदि में भी अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा.


वैक्सीन पासपोर्ट में WHO  की भूमिका


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO को वैक्सीन पास्पोर्ट को लेकर अहम रोल निभाना होगा. दरअसल WHO को दुनिया के हर देश से ट्रस्टेड बॉडी या उन संस्थाओं की सूची लेनी होगी जो कोरोना परीक्षण और टीकाकरण का ई-सर्टिफिकेट जारी करेंगी. इसके साथ ही इन संस्थाओं को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले लोगों की पूरी जानकारी WHO को देनी होगी. इतना ही नहीं WHO के पोर्टल पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, कोरोना टेस्ट और वैक्सीन पासपोर्ट भी अपलोड करना होगा. डब्लयूएचओ इन डॉक्यूमेंट्स का मिलान तय करेगा कि सर्टिफिकेट और पासपोर्ट ऑथेंटिक हैं या नहीं. इसके बाद यात्री का QR कोड जारी किया जाएगा, जिसे लेकर वह ट्रैवल कर सकेगा.


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