लव जिहाद और लैंड जिहाद के बाद अब वोट जिहाद, जानें हर चुनाव से पहले चर्चा में क्यों आ रहा ये मुद्दा?
क्या वाकई महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है. क्या इस आबादी के बढ़ने से वोट प्रभावित हो सकता है? आखिर क्या है इस मुद्दे की सच्चाई?
अब इंडिया गठबंधन ने मुसलमानों से वोट जिहाद करने को कहा है. इससे पहले लव जिहाद सुना गया था लैंड जिहाद सुना गया था और अब वोट जिहाद शब्द सुर्खियों में आया है. इसमें धार्मिक नेता पोलराइजेशन करेंगे और वोट मांगेंगे, यही है वोट जिहाद.
हर इलेक्शन में मुसलमान उनके उलेमाओं के साथ एक बड़ी मीटिंग करते हैं. उसमें खुलेआम कहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ वोट डालना है. कमाल ये है कि जो बाहर के लोग हैं उनको वोटिंग के राइट्स मिल रहे हैं. आज खुलेआम पर्टिकुलर कम्युनिटी को डराया जाता है या उनको भड़काया जाता है या मिसगाइड किया जाता है.
विगत 10 सालों से मोदी सरकार है, क्या किसी भी मुसलमान को कोई हानि हुई है? बीजेपी पर इल्जाम लगाते हैं. वो इल्जाम लगाने में माहिर हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के मराठों, दलितों और मुसलमानों ने महायुति को एकसाथ जमकर वोट दिए और नतीजा हुआ बीजेपी की करारी हार. इस हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में लैंड जिहाद और वोट जिहाद का मुद्दा उठाया. इसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना उनका साथ दे रही है.
आज हम जानेंगे कि क्या वाकई महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है. क्या इस आबादी के बढ़ने से वोट प्रभावित हो सकता है? आखिर क्या है इस मुद्दे की सच्चाई?
आइए जानते हैं लोगों ने क्या क्या कहा?
अभी एमपी के इलेक्शंस हुए थे उसमें आप ओवरऑल महाराष्ट्र का अगर डाटा लेते हो तो देखने में साफ मिलता है कि एक पर्टिकुलर कम्युनिटी को डराया जाता है या उनको भड़काया जाता है या मिसगाइड किया जाता है. उन्हें कहा जाता है कि बीजेपी आएगी तो यह गलत होगा. यह हिंदुत्ववादी पार्टी है. यह आएगी तो आपका भला नहीं होगा तो मैं उन लोगों से एक मैसेज देना चाहता हूं कि अगर रोड डेवलपमेंट हो रही है. अगर स्कूल डेवलप हो रहे हैं तो वहां पर हिंदू बच्चे भी आएंगे और मुस्लिम बच्चे भी आएंगे. सेम टाइप ऑफ एजुकेशन दोनों को मिलेगा.
हिंदुस्तान का जो नागरिक है वो नागरिक वोट करने के लिए तैयार है लेकिन बाहर के लोगों की वजह से वोट का मैनिपुलेशन हो रहा है. बाहर के लोगों को वोटिंग के राइट्स मिल रहे हैं. यह कैसे पॉसिबल है. जिहाद शब्द हम यूज इसलिए कर रहे हैं कि वो एक स्पेसिफिकली मुस्लिम धर्म से जोड़ा जा रहा है. यह बोलने का सिर्फ कारण यही है कि किसी एक धर्म विशेष को जो पार्टी डेवलपमेंट कर रही है उसके खिलाफ उकसाया जा रहा है.
यहां अपने देश में 8 करोड़ से ऊपर बांग्लादेशी घुस आए हैं. इनको यह गांधी परिवार, शरद पवार की सरकार और कांग्रेस राष्ट्रवादी की जो सरकार थी उसने मदद की है. वोट के लिए उनको पूरी छूट दे दी है. आज बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाई लोगों के साथ क्या हो रहा ? क्या कर रही है हमारी गवर्नमेंट बैठ कर? हमारे हिंदू भाइयों को सताया जा रहा है. एक तरफ से देश कमजोर करने का काम किया जा रहा है. देश को कमजोर नहीं मजबूत करना चाहिए.
हिंदुस्तान वक्फ बोर्ड ने 1947 के बाद ऐसे प्रावधान कर रखे हैं जिसका कांग्रेस की सरकार के दौरान इफेक्ट देखने को मिला. आपको याद होगा इस्माइल यूसुफ कॉलेज में कुछ तहसीलदार एक बार पेड़ लगाने के लिए गए थे तो उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें साफ देखा गया कि उनसे कहा जा रहा है कि आप यहां पर कैसे पेड़ लगा रहे हो यह तो वक्फ बोर्ड की जमीन है. आज लैंड जिहाद बड़ा मुद्दा है.
अभी कुछ दिन पहले अबू आजमी का अपने भाषण सुना होगा. उन्होंने कहा कि एंटीलिया बिल्डिंग जो मुकेश अमानी की बिल्डिंग है वो वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है. मतलब यह हुआ कि इतने बड़े आदमी की बिल्डिंग हड़पना चाहते हैं. वक्फ के पास हजारों-लाखों एकड़ जमीन है. आज लैंड जिहाद की वजह से पूरे देश में, पूरे महाराष्ट्र में जो भी सरकारी जमीने है वहां या तो बांग्लादेशी रह रहे हैं या उनको कोई बसा रहा है,
लैंड जिहाद के नाम पर इतना बड़ा धंधा चल रहा है. हिंदुस्तान एक गुलिस्तान है और इसको गुलिस्तान बना रहने दिया जाए सोने की चिड़ियां को खराब ना किया जाए. मेरी यही अपील है कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई-भाई इस भाई भाई के नारे को हमेशा जिंदा रखो जैसे हमारे गांधी जी ने जिंदा रखा था पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जिंदा रखा था.
मुंबई की जनता इस मुद्दे पर बटी हुई है. उनकी प्रतिक्रियाएं मिलीजुली हैं.