केरल के उत्तरी जिले कोझिकोड़ में वेस्ट नाइल बुखार के पांच मामलों की पुष्टि हुई है. जिला निगरानी टीम के एक अधिकारी ने कहा कि बच्चों समेत सभी संक्रमित व्यक्ति अब ठीक हैं और अपने घर चले गए हैं. साल 2011 में पहली बार इस बुखार का पता चला था और 2019 में इसका एक मामला आया था. इसके बाद 2022 में भी वेस्ट नाइल बुखार का मामला सामने आया था. अगर बुखार का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है.


अधिकारी ने बताया कि जिन इलाकों में वे रहते हैं, वहां से कोई नया मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल एक व्यक्ति के मच्छर जनित संक्रमण से पीड़ित होने का संदेह है और उसका इलाज किया जा रहा है.


अधिकारी ने कहा कि लक्षण दिखने पर इलाज कराने वाले व्यक्तियों के नमूने नियमित प्रक्रिया के तहत पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए थे. उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट आ गई हैं और संकेत मिला है कि वे वेस्ट नाइल बुखार से पीड़ित थे. वे सभी अब बेहतर हैं.'


क्या है वेस्ट नाइल बुखार?
वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. युगांडा में 1937 में पहली बार इसका पता चला था. केरल में 2011 में पहली बार बुखार का पता चला था और मलप्पुरम के छह वर्षीय लड़के की 2019 में बुखार के कारण मृत्यु हो गई थी.


इसके बाद मई 2022 में त्रिशूर जिले में बुखार से 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. वेस्ट नाइल वायरस से घातक न्यूरोलॉजिकल रोग हो सकता है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है.


यह भी पढ़ें:-
पुंछ घटना के बाद PAK पर हमला करेगा भारत? एक्सपर्ट ने बताया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या है इंडिया और पाकिस्तान का स्टेटस