World Inequality Report: क्या है विश्व असमानता लैब की वो रिपोर्ट, जिसे देखकर ओबीसी-एससी-एसटी के लिए बढ़ गई लालू यादव की टेंशन?
World Inequality Report: विश्व असमानता लैब असमानता की समस्या को कम करने के लिए कई नीतिगत सिफारिशें भी करता है. आरजेडी चीफ ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
World Inequality Report: विश्व असमानता लैब एक रिसर्च संगठन है, जो पेरिस में स्थित है. इस संगठन का उद्देश्य दुनियाभर में अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे असमानता पर रिसर्च एक डेटाबेस तैयार करना है. यहां एक्सपर्ट का एक अंतरराष्ट्रीय ग्रुप होता है जिसमें लगभग 70 देशों के 100 से अधिक शोधकर्ता मिलकर रिसर्च कर डेटाबेस तैयार करते हैं.
विश्व असमानता लैब इन विषयों पर दते है रिपोर्ट
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की वेबसाइट पर दिए गए जानकारी के अनुसार वे पर्यावरण के घटित हो रहे असमानताएं, राजनीतिक असमानताएं, जेंडर असमानताएं, टैक्सेशन के साथ-साथ कई विषयों को रिपोर्ट जारी करते हैं. विश्व असमानता लैब की ओर से अप्रैल में जारी किए गए रिपोर्ट में गया था कि भारत में अमीरी-गरीबी के बीच की खाई बढ़ी है. विश्व असमानता लैब भारत के अलावा अलग-अलग देशों के असमानता की समस्या को कम करने के लिए कई नीतिगत सिफारिशें भी करता है.
लालू यादव ने एससी/एसटी को लेकर जाहिर की चिंता
बिहार मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव ने विश्व असमानता लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को लेकर चिंता जाहिर की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर रिपोर्ट का जिक्र कर उन्होंने कहा, "देश की कुल संपत्ति का 88.4 फीसदी हिस्सा उच्च जातियों के पास है, जबकि ओबीसी के पास केवल 9 फीसदी और अनुसूचित जाति और जनजाति के पास मात्र 2.6 फीसदी है."
आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने विश्व असमानता लैब की रिपोर्ट को पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए डरावना बताया है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "ये लोग धूर्तता के साथ ओबीसी, एसटी और एससी को सांकेतिक और दिखावटी प्रतिनिधित्व देकर इतिश्री कर देते है ताकि देश की ये बहुसंख्यक आबादी अपने अधिकारों की वाजिब मांग ना कर सके."
ये भी पढ़ें : MHA Meeting: कश्मीर की तरह जम्मू में भी होगा आतंकियों का सफाया! अमित शाह-डोभाल की मीटिंग में तय हुआ 'जीरो टेरर प्लान'