नई दिल्ली: हमारे देश में वीआईपी और वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए कई तरह के इतंजाम किए जाते हैं. उनकी सुरक्षा में पुलिस तो होती ही है लेकिन इसके अलावा जिस भी व्यक्ति को जैसी भी सुरक्षा मिली हो उसे उसके मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, एनएसजी और एसपीजी भी सुरक्षा प्रदान करते हैं.


किस व्यक्ति को किस स्तर की सुरक्षा दी जाएगी इसका निर्णय राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय लेते हैं. इसके लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो सिफारिश करता है.


क्या है Y श्रेणी सुरक्षा


इन दिनों टीवी अभिनेत्री कंगना रनौत अपनी Y श्रेणी  सुरक्षा को लेकर चर्चा में हैं. ऐसे में सवाल आपके दिमाग में भी आया होगा कि आखिर ये Y प्लस सुरक्षा क्या है. दरअसल, वाय श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इनमें दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) होते हैं. वाय श्रेणी की सुरक्षा में कमांडो नहीं होते हैं. वाय श्रेणी की सुरक्षा राज्य पुलिस के जवानों द्वारा ही दी जाती है. इसमें कोई एस्कॉर्ट वाहन भी नहीं मिलता है.


इसके अलावा कौन-कौन सी सुरक्षा श्रेणी है


SPG- स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का काम प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री (पांच साल तक, उसके बाद खतरे के आधार पर) और उनके परिजनों को सुरक्षा देने का है. एसपीजी में सेना और केंद्रीय पुलिस बलों से सुरक्षाकर्मी आते हैं जिन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इनके पास अत्याधुनिक हथियार और वाहन होते हैं. एसपीजी टीम का नेतृत्व डीआईजी स्तर के अधिकारी करते हैं.


z PLUS- एसपीजी सुरक्षा के बाद दूसरे बड़े स्तर की सुरक्षा जेड प्लस है. केंद्रीय गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कुछ विशिष्ट लोगों को यह सुरक्षा मिलती है. जेड प्लस सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं. इनमें 10 एनएसजी कमांडो होते हैं. बाकी केंद्रीय पुलिस बलों के जवान होते हैं.


Z सुरक्षा- जेड सुरक्षा में में कुल 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इनमें पांच कमांडो हो सकते हैं. ये कमांडो एनएसजी, सीआरपीएफ या राज्य पुलिस के होते हैं. इसके अलावा स्थानीय पुलिस के जवान होते हैं. अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और बड़ी हस्तियों को जेड श्रेणी सुरक्षा दी जाती है.


X सुरक्षा- एक्स श्रेणी सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी होते हैं. इनमें एक निजी सुरक्षा अधिकारी होता है.