One Nation One Election: किस बात पर आई प्रमोद कृष्णम को इतनी हंसी, जानिए क्या है पूरा मामला?
One Nation One Election: मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (18 सितंबर) को लिया गया है.
Acharya Pramod News: केंद्रीय कैबिनेट ने 'एक देश, एक चुनाव' पर बनाई उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों को बुधवार (18 सितंबर) को मंज़ूर कर लिया गया है. कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब विपक्षी पार्टियों की सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है. इस दौरान आरजेडी ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का पार्टी की तरफ से सैद्धांतिक विरोध किया है. डिबेट के दौरान ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को हंसी आईं.
एक टीवी डिबेट कार्यक्रम में बहस के दौरान, जब कहा गया कि अगर मान लीजिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑक्सीजन के पक्ष में आ जाए और ऑक्सीजन के पक्ष में कोई पेपर ले आएं तो हो सकता है कि विपक्ष की तरफ से ऑक्सीजन का भी विरोध होने लग जाए. इस पर कार्यक्रम में बैठे कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम जोर-जोर से हंसने लगे.
केंद्र ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर बनी रिपोर्ट को किया मंज़ूर
बुधवार (18 सितंबर) को केंद्र की एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनट की बैठक हुई है. इस कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकार ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूदी दे दी गई है. जिससे सरकार देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गई है.
SP ने खुलकर वन नेशन वन इलेक्शन का किया समर्थन
'वन नेशन वन इलेक्शन' पर समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा ने मोदी कैबिनेट के फैसले का समर्थन किया है. इस दौरान पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि हम भी इसके पक्ष में है. हम भी चाहते हैं देश में वन नेशन, वन इलेक्शन हो. ऐसे में बीजेपी इसके लिए सभी दलों के नताओं की एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का काम करें. उन्होंने कहा कि 10 साल से बीजेपी केवल इसका प्रचार-प्रसार कर रही है.
'वन नेशन वन इलेक्शन' पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने क्या कहा?
इस दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (18 सितंबर) को बताया कि 1951 से 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे. उसके बाद में 1999 में लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में ये सिफारिश की थी देश में चुनाव एक साथ होने चाहिए, जिससे देश में विकास कार्य चलते रहें.
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