PM मोदी को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग पर हो रही थी सुनवाई तभी जज बोले, 'यह आपकी समस्या है?' जानें क्यों
Hate Speech Allegation on PM Modi: याचिकाकर्ता का आरोप था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों के दौरान भगवान के नाम पर वोट मांगा है, इसी के साथ उनपर 6 साल तक चुनाव लड़ने से रोक लगाने की मांग की गई थी.
Supreme Court Hearing on PM Modi: सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कथित हेट स्पीच देने के आरोपों से जुड़ी याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है. इस याचिका के तहत याचिकाकर्ता ने पीएम मोदी पर कथित हेट स्पीच देने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी. याचिकाकर्ता के मुताबिक पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में भड़काऊ बयानबाजी की थी और भगवान के नाम पर वोट मांगे थे.
मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान साफ-साफ भगवान के नाम पर वोट मांगे हैं और इसके साक्ष्य उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं. इसके जवाब में कोर्ट ने सवाल किया कि क्या याचिकाकर्ता ने इस मामले में संबंधित अथॉरिटी (चुनाव आयोग) से संपर्क किया? याचिकाकर्ता से संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता से याचिका वापस लेने के लिए कहा और याचिका रद्द कर दी.
जज ने क्यों कहा, 'यह आपकी समस्या है'
इस दौरान याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगते हुए कहा कि वो (सुप्रीम कोर्ट) उन्हें चुनाव आयोग से संपर्क करने की इजाजत दें. इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस विक्रम नाथ ने सवालिया लहजे में कहा, 'यह आपका काम है, आपकी समस्या है, हमें ऐसा क्यों करना चाहिए?'
Counsel: Kindly give permission to approach authority/Election Commission
— Live Law (@LiveLawIndia) May 14, 2024
J Nath: Why should we? That's your job, your problem#SupremeCourt #NarendraModi
किसने और क्यों दाखिल की थी याचिका
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने भाषणों के दौरान कथित हेट स्पीच देने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया. फातिमा नाम की महिला ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ये याचिका दाखिल की थी, जिसमें चुनाव आयोग को भी पार्टी बनाया था. याचिकाकर्ता का आरोप था कि पीएम मोदी अपनी सभाओं में भगवान राम का नाम लेकर वोट मांग रहे हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए.
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