नीतीश की अगुवाई वाले महागठबंधन 2.0 का राज्यसभा में NDA पर क्या होगा असर? इन आंकड़ों से समझें
Bihar Politics: नीतीश कुमार का BJP से गठबंधन तोड़ने के बाद NDA के हाथ से ना केवल बिहार की सत्ता फिसल गई बल्कि उन्हें राज्यसभा में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी (BJP) का साथ छोड़ आरजेडी (RJD) का दामन थाम लिया है. आज दोपहर में महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह भी है. नीतीश के इस कदम के बाद NDA का साथ छोड़ने वाली JDU तीसरी पार्टी बन गई है. इससे पहले अकाली दल और शिवसेना ने भी NDA का साथ छोड़ दिया था.
वहीं नीतीश कुमार का BJP से गठबंधन तोड़ने के बाद NDA के हाथ से ना केवल बिहार की सत्ता फिसल गई बल्कि उन्हें राज्यसभा में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. राज्यसभा में अहम विधेयकों को पास करवाने के लिए BJP के ओडिशा के बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के वाई.एस.आर. कांग्रेस (YSRCP) जैसी पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ेगा.
राज्यसभा में कुल 237 सांसदों की संख्या
नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड), या JDU के पास राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश सहित पांच सांसद हैं. हालांकि NDA का JDU के साथ होने के बावजूद उसे राज्यसभा में मेजौरिटी हासिल नहीं हुई है. बता दें कि संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में कुल 237 सांसदों की संख्या है और बहुमत का आंकड़ा 119 है. NDA के मौजूदा सांसदों की संख्या 115 रही जिसमें एक निर्दलीय और 5 मनोनीत सदस्य हैं और JDU के बाहर चले जाने के बाद यह आंकड़ा 110 पर पहुंच गया है.
वहं शीत सत्र से पहले सरकार तीन और लोगों को राज्यसभा में मनोनीत कर सकती है. इस बीच आसार हैं कि बीजेपी त्रिपुरा की सीट जीत जाएगी, हालांकि इन सबके बाज भी NDA 114 सदस्यों तक ही पहुंच पाएगी. तब बहुमत का नया आंकड़ा भी बदल जाएगा और 121 पर पहुंच जाएगा. NDA के पास तब भी बहुमत में आने के लिए 7 सदस्यों की कमी रहेगी. ऐसी स्थिति में किसी भी अहम कानूनों को पास करवाने के लिए NDA को BJD और YSRC के समर्थन की ज़रूरत होगी, जिनके 9-9 सदस्य राज्यसभा में हैं.
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