नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें जरूरी सामान की खरीदारी के लिए दिशानिर्देश बनाए जाने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि किराना और सब्जी की दुकानें खुली तो हैं, लेकिन वहां तक जाने को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं है. ऐसे में कभी लोग बाजार में भीड़ लगा देते हैं, कभी पुलिस लोगों पर लाठी बरसा देती है. इसलिए, कोर्ट सरकार से स्पष्ट नियम बनाने को कहे.


गुवाहाटी के रहने वाले वकील अमित गोयल की याचिका में कुछ घटनाओं का हवाला दिया गया था. जिसमें पुलिस ने जरूरी सामान की खरीदारी के लिए निकले लोगों पर बल प्रयोग किया था. याचिका में यह भी कहा गया था कि लोग भी कई बार गैर जिम्मेदारी दिखाते हुए भीड़ लगा देते हैं. इसलिए, स्थानीय प्रशासन उन लोगों को विशेष पास दे जो अपने परिवार की तरफ से खरीदारी के लिए जा सकते हैं. याचिका में ई कॉमर्स के जरिए ग्रॉसरी, सब्जी, दूध जैसी आवश्यक चीजों की डिलीवरी सुनिश्चित कराने की भी मांग की गई थी.


जज याचिका को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आए. उनका मानना था कि जरूरी चीजें लोगों के लिए उपलब्ध हैं. स्थानीय स्तर पर प्रशासन अपने तरीके से लॉकडाउन का पालन कराने की कोशिश कर रहा है. इसे लेकर अलग से कोई आदेश दिए जाने की जरूरत नहीं है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “स्पष्टता नहीं होने के चलते बहुत सी जरूरी चीजें उपलब्ध नहीं हैं. मीट-मछली खाने वालों को यह चीजें नहीं मिल पा रही हैं.“


इस पर बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस एन वी रमना ने नाराजगी जताते हुए कहा, “लोग मीट मछली नहीं खाएंगे तो क्या हो जाएगा? आप हम से उम्मीद करते हैं कि हम इन बातों पर भी आदेश जारी करें?” इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.


कोरोना के इलाज पर ज्यादा प्रयोग नहीं


सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें होम्योपैथी, यूनानी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों से कोरोना का इलाज किए जाने की मांग की गई थी. होम्योपैथिक डॉक्टर सी आर शिवराम की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि इस समय कोरोना के इलाज में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. यह पद्धतियां इलाज में काफी कारगर मदद कर सकती हैं. कोर्ट सरकार को इस पर विचार करने का आदेश दे.


सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कोई भी आदेश देने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा, “कोविड-19 एक नया वायरस है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इसका वैक्सीन ढूंढने में लगे हैं. इस समय हम इसके इलाज को लेकर किसी भी तरह का कोई प्रयोग करने का आदेश नहीं देंगे.“


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