मेड इन चाइना पर भारी मेड इन इंडिया की मिसाइलें
मिसाइलों के मामले में चीन और भारत दोनों बराबर हैं लेकिन एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक ऐसी चीज़ है जो भारत को चीन पर भारी बनाती है.
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है. चीन की सरकार और वहां का मीडिया युद्ध का माहौल बनाए हुए है. अगर भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ तो क्या होगा. अगर युद्ध हुआ तो मिसाइलों की जंग भी देखने को मिलेगी.
भारत के पास जो मिसाइलें है उनके बारे में जानें
- अग्नि 2 - 2-2.5 ढाई हजार
- अग्नि 3 - 3-5 हजार किमी
- अग्नि 4 - 2.5 से 3 हजार 700 किमी
- अग्नि 5 - 5 से 8 हजार किमी
- अग्नि 6 - 10 से 12 हजार किमी
चीन के पास जो मिलाइलें हैं उनके बारे में जानें
- डोंगफेंग 3A - 3 हजार किमी
- डोंगफेंग 4 - 5.5 हजार किमी
- डोंगफेंग 31 - 7.2 हजार किमी
- डोंगफेंग 31A - 11.2 हजार किमी
- डोंगफेंग 5A - 13 हजार किमी
अगर किस देश की मिसाइलें कहां तक पहुंच सकती हैं? चीनी मिसाइलों की अधिकतम मारक क्षमता 13 हज़ार किलोमीटर से थोड़ी ज्यादा है. चीनी मिसाइलों के निशाने पर हमारे सभी बड़े शहर हैं, जैसे दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलूरु करीब-करीब पूरा भारत चीनी मिसाइलों की मारक क्षमता के भीतर आता है.
भारत के पास मौजूद अग्नि सीरीज़ की मिसाइलें चीनी डोंगफेंग से ज़रा भी कम नहीं हैं. अग्नि 6 तो छोड़िए अग्नि पांच के ही निशाने पर चीन के सभी बड़े शहर हैं. जैसे बीजिंग, शंघाई, चेंगडू, हांगकांग, शेनज़ेन, जिस तरह चीनी मिसाइलों की मारक क्षमता के ज़द में पूरा भारत है. ठीक वैसे ही भारतीय मिसाइलों की मारक क्षमता के ज़द में पूरा चीन भी है.
चीन पर कैसे भारी भारतीय मिसाइलें? मिसाइलों के मामले में चीन और भारत दोनों बराबर हैं लेकिन एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक ऐसी चीज़ है जो भारत को चीन पर भारी बनाती है.
अमेरिका, रूस और इज़रायल के बाद भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसके पास अपना एंटी बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. यानी दुश्मन देश की छोड़ी गयी मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर देने की ताकत है. हालांकि चीन के पास भी रूस से लिए गए ऐसे सिस्टम हैं लेकिन भारत इस मामले में चीन से बीस है.
एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम काम कैसे करता है? जैसे ही दुश्मन देश मिसाइलें छोड़ता है उन पर सबसे पहली नज़र हमारे सैटेलाइट्स की पड़ती है. फिर इन सैटेलाइट्स से जानकारी ज़मीन, हवा और पानी में मौजूद हमारे रडार्स तक पहुंचती है. एंटी बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है.
सिस्टम कुछ ही मिनटों में ये पता लगा लेता है कि दुश्मन की मिसाइलों की रफ्तार कितनी है. कितनी ऊंचाई पर हैं और वो कहां गिरने वाली हैं. इसके बाद फौरन इनको नष्ट करने वाली मिसाइलें छोड़ी जाती हैं. ये गाइडेड मिसाइलें होती हैं. यानी अगर दुश्मन की मिसाइल अपना रास्ता बदलती भी है तो ये मिसाइलें उसी हिसाब से अपना रास्ता बदलकर उन्हें हवा में मार गिराती हैं.