भारत सरकार ने फेमस चीनी एप टिकटॉक समेत 59 चीनी एप पर बैन लगा दिया है. टिकटॉक के अलावा जिन लोकप्रिय एप पर प्रतिबंध लगाया गया है उसमें यूसी ब्राउजर, शेयर इट आदि एप्स शामिल हैं. भारत में इन एप्स के करोड़ों में यूजर्स हैं. यूजर्स का डाटा भी इन चाइनीज एप्स के पास मौजूद है. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर यूजर के उस डाटा का क्या होगा?. साथ ही जो दूसरा बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है वो है रोजगार को लेकर..इन एप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जो भारतीय लोग इन कंपनी में नौकरी करते थे उनका आखिर क्या होगा.


17 अरब डॉलर से अधिक का रेवेन्यू
बाइटडैंस के स्वामित्व वाले TikTok ने इस वित्त वर्ष में जुलाई-सितंबर तिमाही में 100 करोड़ राजस्व का टारगेट रखा था. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी वीडियो एप ने अंतिम तिमाही जो 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हो गई उसमें 23-25 ​​करोड़ का रेवेन्यू अर्जित किया. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी ByteDance लिमिटेड ने पिछले कुल साल 17 अरब डॉलर से अधिक का रेवेन्यू हासिल किया. यह आंकड़ा 2018 के 7.4 अरब डॉलर रेवेन्यू की तुलना में तकरीबन ढाई गुना अधिक था.


भारत में है काफी लोकप्रिय टिकटॉक
टिकटॉक भारत में काफी लोकप्रिय है. इस एप की वजह से काफी लोग पॉपुलर भी हुए हैं, जिन्हें आज टिकटॉक स्टार के नाम से जाना जाने लगा है. क्रिकेटर्स से लेकर बॉलीवुड स्टार्स तक टिकटॉक यूज करते हैं. टिकटॉक की पैरेंट कंपनी ByteDance है. इस कंपनी के कई एप्स भारत में एक्टिव हैं. दुनियाभर में इसके करीब 40 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं. जिसमें से करीब 41 फीसदी यूजर्स की उम्र 16 से 24 साल के बीच है.


भारत रहा था डाउनलोड करने वालों में टॉप पर
चीनी एप TikTok को सितंबर 2019 में 60 मिलियन से अधिक इंस्टॉल किया गया, जो दुनिया भर में सबसे अधिक डाउनलोड की जाने वाली सोशल मीडिया एप बन गई थी. रिपोर्टों के अनुसार भारत 44 प्रतिशत डाउनलोड के साथ टॉप पर था.


40 हजार नई नौकरियां दीं
टिकटॉक ने इस साल पूरी दुनिया भर में करीब 40 हजार नई नौकरियां दी. ऐसा कंपनी ने उस दौर में किया जब तमाम जगह से लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है.


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