प्राइवेसी पॉलिसी पर विवादों के बीच व्हाट्सएप की संसदीय पैनल के सामने हुई पेश, समिति ने तर्कों को किया खारिज
बैठक में पहुंचे फेसबुक के प्रतिनिधि ने कहा कि 2016 से ही व्हाट्सएप में यह नीति लागू है. फेसबुक के प्रतिनिधि ने दावा किया कि उनकी नई नीति से और ज्यादा पारदर्शिता आएगी, लेकिन कमेटी के सदस्यों ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया.
नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चौतरफा घिरे व्हाट्सएप के प्रतिनिधि की गुरुवार को संसदीय पैनल के सामने पेशी हुई. पैनल के सदस्यों ने व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चल रहे विवाद पर फेसबुक के प्रतिनिधि से कई सवाल पूछे. सदस्यों ने पूछा कि आखिर व्हाट्सएप की नई नीति से भारत के व्हाट्सएप यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा ? सदस्यों ने कहा कि इस मामले में भारत का प्राइवेसी कानून लागू होना चाहिए ताकि भारत के लोगों की चिंताओं को दूर किया जा सके.
बैठक में पहुंचे फेसबुक के प्रतिनिधि ने कहा कि 2016 से ही व्हाट्सएप में यह नीति लागू है. फेसबुक के प्रतिनिधि ने दावा किया कि उनकी नई नीति से और ज्यादा पारदर्शिता आएगी, लेकिन कमेटी के सदस्यों ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया.
We wish to thank the Parliamentary Committee for giving us an opportunity to appear before them and provide our views. We look forward to assisting the Hon’ble Committee in future as well: WhatsApp Spokesperson
— ANI (@ANI) January 21, 2021
बैठक में ट्विटर की भारत में प्रतिनिधि भी शिरकत करने पहुंची थी. उनसे बीजेपी के एक सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह का टि्वटर अकाउंट थोड़ी देर के लिए ब्लॉक किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई. ट्विटर के प्रतिनिधि ने कहा कि अकाउंट महज थोड़ी देर के लिए ब्लॉक हुआ था और इसकी वजह कॉपी राइट नियमों से जुड़ी हुई थी.
भड़काऊ भाषण और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भी समिति के विपक्ष के सांसदों ने सवाल पूछे. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट ब्लॉक किए जाने का हवाला देते हुए पूछा कि क्या यही नीति भारत में भी लागू होती है ? इस पर कुछ सांसदों ने कहा कि इस मामले में भी भारत का क़ानून लागू होना चाहिए क्योंकि भड़काऊ भाषण या पोस्ट के मामले में यहां का कानून लागू होता है.