WhatsApp ने जासूसी मामले में जताया खेद, सुरक्षा के हरसंभव कदम उठाने का भरोसा दिया
बता दें कि हाल ही में WhatsApp ने बताया था कि इसी साल मई महीने में भारत के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी. इसके लिए इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया था.
नई दिल्ली: सोशल मैसेजिंग एप्प व्हाट्सएप जासूसी को लेकर सरकार से खेद जताया है और इसके साथ ही सुरक्षा के सभी उपाय करने का भरोसा दिया है. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने कहा कि व्हाट्सएप में किसी भी और उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि व्हाट्सएप सुरक्षाको मजबूत करेगा. वहीं सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
उधर आज सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत के 121 यूजर्स को टारगेट किया गया था. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार बदनाम करने की कोशिश पूरी तरह से भ्रामक है. उन्होंने कहा कि एक स्पाईवेयर/मालवेयर ने कुछ व्हाट्सएप्प यूजर्स को प्रभावित किया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्हाट्सएप के अनुसार इस स्पाइवेयर को इजराइल की एक कंपनी एनएसओ ने विकसित किया गया था. पेगासस स्पाईवेयर के जरिए दुनियाभर के 1400 यूजर्स को प्रभावित किया गया जिसमें 121 लोग भारत के शामिल हैं.
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बता दें कि व्हाट्सएप ने हाल ही में बताया था कि इसी साल मई में इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी. यह खुलासा सैन फ्रांसिस्को में एक अमेरिकी संघीय अदालत में हुआ, जहां एक केस की सुनवाई चल रही थी. मई में भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे थे. इस खुलासे के बाद सरकार ने व्हाट्सएप से जानकारी मांगी थी कि किस तरह से भारत के लोगों के निजता का उल्लंघन हुआ है. सरकार ने व्हाट्एप से कहा था कि वो सरकार को बताए कि उसने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने दावा किया था कि पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी का भी फोन हैक किया गया.
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भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने हाल ही में जारी एक परामर्श में व्हाट्सएप के यूजर्स को सतर्क किया है. सीईआरटी-इन का कहना है कि एक एमपी-4 फाइल के जरिए हैकर यूजर्स की जानकारियां चुरा सकते हैं.
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