WhatsApp ने एक बार फिर दिलाया भरोसा, कहा- नई पॉलिसी से यूजर्स की प्राइवेसी को कोई खतरा नहीं
व्हाट्सएप ने पिछले महीने जारी नए गोपनीयता नीति अपडेट में कहा था कि वह उपयोगकर्ताओं के डेटा को मूल कंपनी फेसबुक और समूह की अन्य कंपनियों के साथ शेयर कर सकती है. इसके बाद कंपनी विवादों में घिर गयी. भारत सरकार ने भी व्हाट्सएप को तलब कर सवाल पूछे.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने फिर भरोसा दिलाया है कि उसकी पॉलिसी में यूजर्स की प्राईवेसी को कोई खतरा नहीं है, हालांकि वो प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करवाने पर अब भी अड़ा है. व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वालों में पिछले जनवरी महीने में तब हड़कंप मच गया था जब उसने नयी पॉलिसी को लागू करते हुए ऐलान कर दिया था कि जो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे उनका अकाउंट 8 फरवरी से बंद हो जाएगा. इस कदम पर भारत सहित अधिकतर देशों ने कड़ा एतराज किया था. इस पर व्हाट्सएप ने कदम पीछे कर लिए हैं.
व्हाट्सएप ने ताजा बयान जारी कर कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर निजी संदेश व कंटेंट का आदान-प्रदान एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रहेगा. व्हाट्सएप ने कहा है कि किसी भी निजी चैट को ना तो व्हाट्सएप पढ़ सकता है और ना ही फेसबुक. किसी अटैचमेंट को भी डिलीवर होते ही व्हाट्सएप सर्वर से डिलीट कर दिया जाता है.
हालांकि व्हाट्सएप प्राइवेट पॉलिसी को स्वीकार करवाने पर अब भी अड़ा है और जल्द ही इस पॉलिसी का आइकन स्क्रीन पर दिखने लगेगा. व्हाट्सएप ने नई पॉलिसी में यूजर्स के बिजनेस एकाउंट्स की जानकारी दूसरे लोगों के साथ शेयर करने की इजाजत मांगी थी. जिसके बाद इसका विरोध शुरू हो गया और सुप्रीम कोर्ट में इस पॉलिसी को चुनौती दी गई थी. पिछले सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप को नोटिस दिया था. भारत में करीब 400 करोड़ व्हाट्सएप यूजर्स हैं.
अपडेट एक्सेप्ट किए बिना नहीं यूज कर पाएंगे ऐप WhatsApp ने अपने नए ब्लॉग के जरिए बताया कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर चैट के जरिए शॉपिंग करने या कारोबारियों से जुड़ने का नया तरीका डेवलेप कर रहा है. फिलहाल ऐसी चैट्स का सलेक्शन ऑप्शनल होगा, लेकिन आने वाले समय में चैट्स के ऊपर इस अपडेट को रिव्यू करने का बैनर दिखाई देगा. इसके बाद यूजर्स को ऐप यूज करते रहना है तो उन्हें यह अपडेट एक्सेप्ट करना ही पडे़गा. हालांकि कंपनी की तरफ से प्राइवेट चैट को एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रखने का दावा किया गया है.
व्हाट्सएप ने पहले क्या कहा था व्हाट्सएप ने पिछले महीने जारी नए गोपनीयता नीति अपडेट में कहा था कि वह उपयोगकर्ताओं के डेटा को मूल कंपनी फेसबुक और समूह की अन्य कंपनियों के साथ शेयर कर सकती है. इसके बाद कंपनी विवादों में घिर गयी. भारत सरकार ने भी व्हाट्सएप को तलब कर सवाल पूछे.
इसके बाद उपयोगकर्ता तेजी से व्हाट्सएप को छोड़ प्रतिस्पर्धी ऐप टेलीग्राम और सिग्नल को अपनाने लगे. इसके चलते मजबूर होकर व्हाट्सएप ने नई नीति पर अमल को मई तक के लिए टाल दिया था. हालांकि अब कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि वह नई नीति पर अमल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
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