मां इंदिरा ही नहीं, राजीव गांधी ने भी लिया था देवरहा बाबा से आशीर्वाद, कांग्रेस के सिंबल से भी है लिंक
Rajiv Gandhi connection with Devraha Baba: बाबा जमीन से 12 फुट ऊंचे लकड़ी के मचान पर रहते थे. उन्होंने जिंदगी का बड़ा हिस्सा वहीं बिताया. वह वहीं ऊपर से पैरों के जरिए भक्तों को आशीर्वाद देते थे.
Rajiv Gandhi connection with Devraha Baba: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन से पहले देवरहा बाबा सुर्खियों में हैं. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से जुड़ी एक बुकलेट में उनकी तस्वीर छपी है. साथ ही बाबा की लगभग 35 साल पुरानी भविष्यवाणी अब सच होती दिख रही है. उन्होंने तब कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा और इस बात में उन्हें जरा भी संदेह नहीं है. खास बात है कि राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी उन्हें आराध्य मानते थे. यही वजह है कि वह पत्नी सोनिया को लेकर उनकी शरण में पहुंचे थे. 1989 के चुनाव की पूर्व संध्या पर राजीव और सोनिया बाबा के पास गए थे और तब उन्हें संत के चरणों से आशीर्वाद हासिल हुआ था. वैसे, इंटरनेट पर मौजूद बाबा पुराने टीवी इंटरव्यू में पत्रकारों के सवालों पर कहते दिखे, "राम जन्मभूमि के संदर्भ में राजीव का सिद्धांत भी अच्छा है. सबका सिद्धांत अच्छा है...उन्होंने कुछ रोका नहीं है. वह (मंदिर) कायदे से बन जाएगा. मुझे इसमें संदेह नहीं है."
इंदिरा को पैर के बजाय पंजे से मिला था आशीर्वाद
बाबा बड़े-बड़े लोगों को पैर से आशीर्वाद दिया करते थे. जो भी उनके पास दुखड़ा लेकर पहुंचता वह उसकी ओर पैर कर दिया करते थे. चुनाव हारने के बाद राजीव की मां इंदिरा गांधी भी उनकी शरण में लोगों के कहने पर पहुंची थीं. बाबा को तब उनकी स्थिति पता थी, लिहाजा उन्होंने हाथ का पंजा दिखाया और आशीर्वाद दिया था. रोचक बात है कि इंदिरा इसके बाद 1980 में चुनाव जीतीं और प्रधानमंत्री बनीं.
कांग्रेस के चुनाव चिह्न का भी बाबा से है लिंक!
इंदिरा की जीत के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे शुभ संकेत के तौर पर लिया. ऐसा बताया जाता है कि इसी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने पंजे को चुनाव चिह्न बना लिया था. मामले से जुड़े जानकारों की मानें तो पंजे वाला चुनाव चिह्न देवरहा बाबा का आशीर्वाद ही है, जो बाबा की ओर से इंदिरा को मिला था.
बाबा ने की थी राजेंद्र प्रसाद के राजा बनने की भविष्यवाणी
राजेंद्र प्रसाद (देश के पहले राष्ट्रपति) भी बचपन में मां-बाप के साथ इन बाबा के पास गए थे, जिन्हें देखकर बाबा बोले थे कि एक दिन यह लड़का (प्रसाद) राजा बनेगा. उनकी यह भविष्यवाणी भी सच हुई. राष्ट्रपति बनने के बाद जब डॉ.राजेंद्र बाबा के पास गए तो संत उन्हें उसी स्थिति और रूप में नजर आए थे, जैसे वह उन्हें बचपन में दिखे थे.
कौन थे देवराहा बाबा?
देवरहा बाबा कहां पैदा हुए थे और उनके माता-पिता कौन थे? इसकी आधिकारिक जानकारी तो कहीं नहीं मिलती. हालांकि, इतना जरूर माना जाता है कि वह उत्तर प्रदेश के देवरिया से थे. ऐसा बताया जाता है कि हिमालय पर्वत वाले क्षेत्र में कुछ समय बिताने के बाद वह देवरिया पहुंचे थे. वहां सलीमपुर तहसील के पास सरयू नदी के किनारे उनका ठिकाना था. बाबा जमीन से 12 फुट ऊंचे लकड़ी के मचान पर रहते थे. वहां उनका डेरा लगने के बाद भक्त उन्हें देवहारा बाबा या देवरिया वाले बाबा कहकर पुकारने लगे.