हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. घाटी में आज आखिरी चरण का मतदान है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुरू से ही इन दोनों राज्यों के चुनाव में एक्टिव दिखे, जबकि प्रियंका गांधी ने आखिरी समय में मोर्चा संभाला. जब एक टीवी डिबेट में राहुल गांधी और प्रियंका की जोड़ी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय से सवाल किया गया. तो उन्होंने दोनों में अंतर बताते हुए एक शादी का उदाहरण दिया, जब प्रियंका गांधी ने अपनी बेटी को बीजेपी नेता संबित पात्रा से मिलवाया था. 


न्यूज 24 की टीवी डिबेट में जब वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय से पूछा गया कि कांग्रेस की प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर क्या रणनीति है? वे इस जोड़ी को कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय कहते हैं कि इसे जोड़ी कहना सही नहीं है. प्रियंका गांधी का पार्टी में उतना ही इस्तेमाल होगा, जहां राहुल गांधी की बाउंड्री शुरू होती है. मेरा मानना है कि प्रियंका गांधी राहुल से ज्यादा प्रैक्टिकल हैं. उनकी मास अपील राहुल गांधी से ज्यादा होनी चाहिए. हालांकि, उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने अपने नेतृत्व में चुनाव लड़ाया था. लेकिन सफलता नहीं मिली. हालांकि, प्रियंका गांधी में ज्यादा पोटेंशियल है. 


'फोन में लगे थे राहुल, प्रियंका ने अपनी बेटी को संबित पात्रा से मिलवाया'


वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने कहा, वो भाई बहन का चलेगा. सोनिया गांधी ने तय कर दिया है कि राहुल गांधी नेता होंगे तो प्रियंका गांधी बैकग्राउंड में ही रहेंगी. इस दौरान अनंत विजय ने एक उदाहरण भी दिया. उन्होंने बताया, 'हम लोग तहसीन पूनावाला की शादी में थे. सामने से संबित पात्रा आ रहे थे. राहुल गांधी वही बैठे रहे, वे अपना फोन देख रहे थे. तभी प्रियंका गांधी ने अपनी बेटी को बुलाया, इधर आना जरा और कहा, ये वही अंकल हैं, जिनके बारे में तुम पूछ रही थी कि ये कौन हैं. इसके बाद संबित पात्रा इतने विनम्र हो गए कि पूरे हॉल को पता चल गया कि प्रियंका गांधी अपनी बेटी को संबित पात्रा से मिलवा रही थीं.' 


अनंत विजय कहते हैं, प्रियंका गांधी में लोगों को जोड़ लेने की कला है.वहीं राहुल गांधी पूरे कार्यक्रम में बैठे रहे और वे अपने फोन में लगे रहे. प्रियंका गांधी ने उन्हें एक ग्लास जूस दिया और उन्होंने पिया और वे चले गए. हालांकि, अब वे लोकसभा में नेता विपक्ष बन गए हैं, कांग्रेस ने 99 सीटें जीत ली हैं तो हो सकता है कि राहुल गांधी में भी वे गुण आ गए हों.