आजकल के बच्चों का स्वभाव इस कदर अक्रामक हो गया है कि माता-पिता की जरा सी डांट भी उनके बर्दाश्त के बाहर होती है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब पैरेंट्स ने बच्चों को पढ़ाई न करने या किसी दूसरी गलती पर डांट लगाई हो तो वे घर छोड़कर भाग गए. गुजरात के वडोदरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. दरअसल यहां एक 14 साल का लड़का घर से 1.5 लाख रुपये लेकर गोवा भाग गया था. उसके पैरेंट्स ने उसे पढ़ाई न करने की वजह डांटा था. जिसके बाद वह घर से नकदी लेकर भाग गया. वहीं वडोदरा पुलिस ने नाबालिग लड़के को तलाश कर उसे उसके परिवार से मिला दिया है.
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक वडोदरा में 10वीं के एक छात्र को पढ़ाई न करने और समय बर्बाद करने पर उसके माता-पिता ने काफी डांटा था. उसी दिन, उसके दादा ने भी उसे पढ़ाई पर ध्यान न देने के लिए फटकार लगाई थी. इसी बात से गुस्सा होकर वह घर से भाग गया. गोवा की ट्रेन पकड़ने के लिए छात्र रेलवे स्टेशन गया, लेकिन उसके पास आधार कार्ड नहीं था इस वजह से उसे ट्रेन का टिकट नहीं मिला. इसके बाद, वह अमितनगर सर्कल पहुंचा और यहां से उसने पुणे के लिए बस ले ली. पुणे पहुंचने के बाद, वह एक और बस में सवार होकर गोवा पहुंच गया
माता-पिता ने पुलिस में बेटे के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई
इधर हर जगह तलाश करने के बाद भी जब छात्र का कुछ पता नहीं चला तो उसके माता-पिता ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करा दी. इसी बीच उन्हें पता चला कि उनके घर से 1.5 लाख रुपये भी गायब हैं. ये बात भी उन्होंने पुलिस को बता दी. पुलिस के मुताबिक नाबालिग छात्र ने 1.5 लाख रुपयों के साथ गोवा के क्लबों में खूब इंजॉय किया.बाद में जब उसे अहसास हुआ कि उसका पैसा खत्म होने वाला है तो उसने गुजरात लौटने का फैसला कर लिया लेकिन वह अपने घर नहीं जाना चाहता था. इसके बाद वह पुणे पहुंचा और यहां उसने एक नया सिम कार्ड खरीदा और अपने सेलफोन में डाल दिया. फिर वह एक ट्रैवल एजेंसी के ऑफिस पहुंचा और और गुजरात के लिए एक टिकट बुक कराया.
सर्विलांस की मदद से पुलिस को छात्र की लोकेशन मिल गई
इधर पुलिस ने नाबालिग छात्र का मोबाइल फोन सर्विलांस पर डाला हुआ था. छात्र ने जब नया सिम डालने के लिए अपने मोबाइल फोन को ऑन किया तो पुलिस को उसकी लोकेशन के बारे में जानकारी मिल गई. इसके बाद पुलिस ने फौरन ट्रैवल एजेंसी को कॉल किया और निर्देश दिया कि छात्र को ऑफिस से जाने न दिया जाए. वडोदरा पुलिस ने फौरन पुणे पुलिस से भी संपर्क साधा जिन्होंने छात्र को अपनी कस्टडी में ले लिया. 25 दिसंबर को पुणे पुलिस ने छात्र को वडोदरा पुलिस को सौंप दिया और इस तरह पुलिस ने अपनी सूझबूझ और सतर्कता का परिचय देते हुए एक बेटे को उसके परिवार से मिला दिया.
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