एक्सप्लोरर

क्या एनकाउंटर ही है 'कानून का राज', न्याय दिलाने के पैमाने पर कहां खड़ा है उत्तर प्रदेश?

न्याय रिपोर्ट, 2022 में तमिलनाडु को दूसरा, तेलंगाना को तीसरा और उत्तर प्रदेश को सबसे नीचे यानी 18वां स्थान दिया गया है.

बुलडोजर कार्रवाई और एनकाउंटर को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहने वाले राज्य उत्तर प्रदेश किसी अपराध में न्याय तक पहुंचने के मामले में अन्य राज्यों से काफी पीछे है. दरअसल न्याय रिपोर्ट, 2022 के अनुसार एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश के 18 राज्यों में उत्तर प्रदेश न्याय दिलाने के मामले में 18वें और सबसे अंतिम स्थान पर है. 

सभी बड़े राज्यों में कर्नाटक का स्थान सबसे ऊपर है. रिपोर्ट में तमिलनाडु को दूसरा, तेलंगाना को तीसरा और उत्तर प्रदेश को सबसे नीचे यानी 18वां स्थान दिया गया है. उत्तर न्याय दिलाने के मामले में राजस्थान, बिहार, पश्चिमी बंगाल और उत्तराखंड से नीचे है. 

कैसे किया गया न्याय का विश्लेषण 

भारत के किस राज्यों में कितना न्याय मिल रहा है इसे लेकर यह विश्लेषण तीसरी भारत न्याय रिपोर्ट, 2022 की तरफ से किया गया है, जो न्याय वितरण तंत्र-न्यायपालिका को क्षमता प्रदान करने में प्रत्येक राज्य की प्रगति का आकलन करता है. यही रिपोर्ट राज्यों में पुलिस, जेल और कानूनी सहायता जैसी फील्ड में मिल रहे न्याय की रैंकिंग तय करती है.

कौन तय करता है रिपोर्ट

दरअसल इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 टाटा ट्रस्ट की एक पहल है जिसे DAKSH, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, कॉमन कॉज, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी और टीआईएसएस-प्रयास के सहयोग से तैयार किया गया है. पहली बार यह रिपोर्ट साल 2019 में जारी की गई थी.

रिपोर्ट में 1 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों और सात छोटे राज्यों के बजट, मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे, कार्यभार, पुलिस, न्यायपालिका, जेलों और कानूनी सहायता में विविधता के मात्रात्मक मापदंड पर आधारित है.


क्या एनकाउंटर ही है 'कानून का राज', न्याय दिलाने के पैमाने पर कहां खड़ा है उत्तर प्रदेश?

साल 2020 में महाराष्ट्र पहले स्थान पर था और यूपी सबसे आखिरी 

साल 2020 में जारी किए गए इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में महाराष्ट्र वो राज्य था जहां न्याय सबसे सुलभ और सुगम बताया गया था. छोटे राज्यों में ये गौरव त्रिपुरा को हासिल हुआ है. साल 2020 के रिपोर्ट में भी उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर यानी 18वें स्थान पर दर्ज किया गया था. 

न्याय रिपोर्ट 2022 में 18 राज्यों के टॉप-10 की ओवरऑल रैंकिंग

  • कर्नाटक 
  • तमिलनाडु
  • तेलंगाना
  • गुजरात
  • आंध्रप्रदेश
  • केरल
  • झारखंड
  • मध्य प्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • ओडिशा

कानून के शासन के मामले में भारत का स्थान 

26 अक्टूबर 2022 को जारी किए गया  2022 वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (डब्ल्यूजेपी) के अनुसार कानून के शासन' सूचकांक पर 0.50 के स्कोर के साथ भारत 140 देशों में 77वें स्थान पर है. जबकि भारत का पड़ोसी देश नेपाल सबसे भारत के अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश है, जिसका स्कोर 0.52 और रैंकिंग 69 है.

क्या है कानून का शासन 

कानून के शासन का मतलब है कि सभी कानून देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं. देश का कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. चाहे वह सरकारी अधिकारी हो, कोई बड़ा कारोबारी हो या देश के राष्ट्रपति. देश के सभी लोगों के लिए किसी भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सजा होती है.


क्या एनकाउंटर ही है 'कानून का राज', न्याय दिलाने के पैमाने पर कहां खड़ा है उत्तर प्रदेश?

इन आठ कारणों को माध्यम बनाकर की जाती है किसी भी देश की रैंकिंग

  • सरकारी शक्तियों पर प्रतिबंध
  • ओपन गवर्नमेंट
  • भ्रष्टाचार का अभाव
  • मौलिक अधिकार
  • आदेश और सुरक्षा
  • नागरिक न्याय
  • नियामक प्रवर्तन
  • आपराधिक न्याय

एनकाउंटर का संविधान में जिक्र नहीं
एनकाउंटर का भारत के संविधान और कानून में कहीं भी जिक्र नहीं है. सीआरपीसी की धारा 46 (2) में पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है. एनकाउंटर के बाद अमूमन पुलिस आईपीसी की धारा 100 के तहत केस दर्ज करती है. 

इसी धारा के अंतर्गत पुलिस पर एनकाउंटर करने के बावजूद हत्या का केस दर्ज नहीं किया जाता है. हालांकि, देश में एनकाउंटर की संख्या को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग ने एक गाइडलाइन जारी किया था.

जजों की कमी से जूझ रहा है भारत

न्याय रिपोर्ट 2022 के अनुसार देश के कई राज्य जज की भारी कमी से भी जूझ रहे हैं. हर राज्य में एक जज पर इतनी भार होता है कि कई मामले लंबित होते हैं. साल 2022 के दिसंबर महीने तक भारत में 10 लाख लोगों पर 19 जज थे और लगभग 4.8 करोड़ मामलों का बैकलॉग था. 

जबकि साल 1987 में ही लॉ कमीशन ऑफ इंडिया की तरफ से सुझाव दिया गया था कि एक दशक में हर 10 लाख लोगों के लिए 50 जज होने चाहिए. देश में ऐसे भी कई राज्य हैं जहां एक जज पर 15 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं. 

लंबित मामलों में टॉप पर यूपी 

हाईकोर्ट के अलग-अलग राज्यों के आंकड़े को देखें तो पाएंगे कि यहां कुछ ऐसे मामले भी हैं जो पिछले कई सालों के लंबित पड़े हैं. ऐसे राज्यों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश सबसे पहले स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में करीब 11 साल पहले के केस भी अब तक पेंडिंग पड़े हैं. यूपी के बाद आता है पश्चिम बंगाल का स्थान. इस राज्य में भी औसत 9.9 साल के मामले लंबित पड़े हैं.

लंबित केस के मामले में सबसे बेहतर प्रदर्शन त्रिपुरा का है, यहां औसत पेंडेंसी लगभग एक साल है. दूसरे स्थान पर आता है सिक्किम (1.9 साल) और तीसरे स्थान पर मेघालय (2.1 साल) लिस्ट में हैं. 

11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की जिला अदालतों में प्रत्येक चार मामलों में से एक मामले 5 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं. ऐसे मामलों की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (53 प्रतिशत), और सिक्किम में सबसे कम (0.8 प्रतिशत) है. बड़े और ज्यादा जनसंख्या वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल में ऐसे मामले 48.4 प्रतिशत और बिहार में 47.7 प्रतिशत हैं. 

सीएम योगी के राज में अब तक कितने हुए एनकाउंटर? 

योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 3 जून 2017 को एक न्यूज चैनल में दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि राज्य में जो गुनाह करेगा ठोक दिया जाएगा. 31 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर के नंदनपुर गांव में एक कथित अपराधी गुरमीत को मार गिराया था.  

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार में पिछले छह सालों में पुलिस और अपराधियों के बीच 9,434 से ज्यादा मुठभेड़ें हुए हैं, जिसमें 183 अपराधी जान से मारे गए हैं. 5,046 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आधिकारिक आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि पिछले छह सालों में इस तरह के अभियानों के दौरान 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,443 पुलिसकर्मी घायल हुए. 

योगी आदित्यनाथ के शासन में हुए एनकाउंटर पर एक नजर 

साल 2017 के बाद से सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ में हुए है, जिसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 अपराधी घायल हुए. इन मुठभेड़ में पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं, जबकि 401 पुलिसकर्मी घायल हुए. यूपी पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कुल 5,967 अपराधियों को पकड़ा.

साल 2017 के बाद आगरा पुलिस ने 1844 मुठभेड़ों को अंजाम दिया. इन मुठभेड़ों में 4654 अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए. वहीं 14 खूंखार अपराधी मारे गए.  55 पुलिस वाले घायल हुए.

बरेली में 2017 के बाद से 1497 मुठभेड़ें हुई. इन मुठभेड़ों में 3410 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. 7 अपराधियों की मौत हो गई. बरेली में मुठभेड़ के दौरान 437 अपराधी घायल हुए.  इन अभियानों में 296  पुलिसकर्मी घायल हुए. 1 पुलिसकर्मी शहीद हो गया.

उत्तर प्रदेश में योगी राज में अपराध कम हुए या बढ़ें? 

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने 20 अगस्त 2020 को राज्य के पिछले नौ साल के तुलनात्मक आंकड़े को पेश करते हुए दावा किया था कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दौरान अपराधों की संख्या में कमी आई है और इसका कारण है सरकार का अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति अपनाना. 

अपराध में हुई कमी

एनसीआरबी डेटा के मुताबिक इस राज्य में बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों की संख्या में भी कमी आई है. राज्य में बाल अपराधों में 11.11 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश में साल 2019 में बच्चों के खिलाफ हुए अपराध के 18943 मामले दर्ज किए गए थे जबकि साल 2021 में यह रजिस्टर्ड मामलों की संख्या घटकर 16838 हो गई.

महिला-अपराधों में नहीं आई कोई कमी 

साल 2019 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ कुल 59853 मामले दर्ज किए गए. लेकिन दो साल बाद के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 में यह घटकर 56083 हो गए है. आंकड़ों से साफ है कि इस राज्य में साल 2019 की तुलना में साल 2021 में महिला अपराधों में 6.2 प्रतिशत की कमी आई है. लेकिन साल 2020 में  महिला अपराध के कुल 49,385 मामले दर्ज हुए थे. जो कि 2021 से कम है. 

एनसीआरबी क्या है? 

एनसीआरबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है और इसकी स्थापना साल 1986 में हुई थी. NCRB का मुख्य तौर पर पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बनाया गया था. ब्यूरो क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, देश में कितनी आत्महत्या और आकस्मिक मृत्यु, भारत में कितने बच्चे और महिला लापता है को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट जारी करता है.

एनसीआरबी डाटा से पता चलता कि देश में कितना अपराध बढ़ रहे या घट रहे हैं. इससे जानकारी मिलती है कि भारत के किस राज्य में अपराध में कमी या बढ़ोतरी दर्ज की गई है. क्राइम इन इंडिया की रिपोर्ट 2020 के मुताबिक सांप्रदायिक दंगों में साल 2019 की तुलना में 96 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.

राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने कब कब साधा योगी पर निशाना 

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ अहमद की मौत के बाद पूरे राज्य का कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है. इस घटना के बाद कई विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. कई नेताओं पहले भी राज्य के कानूनी व्यवस्था पर उठा चुके हैं सवाल.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के कानून व्यवस्था पर कहा, “मैं यूपी में बेशर्म अराजकता और कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने से स्तब्ध हूं. यह शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की उपस्थिति से बेपरवाह होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं. इस तरह के गैरकानूनी कार्यों का हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. ”

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “न्यायपालिका को अपराधी की सजा तय करने का अधिकार है. लेकिन ये अधिकार किसी भी सरकार, नेता या कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 19 साल की युवती के साथ हुए दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा, 'महिला अपराधों में यूपी सबसे आगे है. लेकिन ये आंकड़े सरकार नहीं मानती है.

अतीक और अशरफ की हत्या पर भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार और राज्य की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि यूपी में अपराधियों के हौसले बुलंद है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ बताया.

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'दरगाह पिछले 800 वर्षों से वहां है', अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Masjid Clash : संभल हिंसा के सारे झूठ सामने आ गए,  योगी दंगाइयों को सिखाएंगे सबक!TOP Headlines: फटाफट अंदाज में देखिए दोपहर की बड़ी खबरें | Parliament Session | Sambhal ViolenceBangladesh में कट्टरपंथियों ने मचाया आतंक, Iskcon का एक और सेंटर बंद कराया !Priyanka Gandhi Oath : संसद में पहली बार प्रियंका गांधी ने ली शपथ | Rahul Gandhi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'दरगाह पिछले 800 वर्षों से वहां है', अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
हाथ और उंगलियों में लगातार आ रही है सूजन तो इस बीमारी के हैं संकेत, तुरंत करें ये काम
हाथ और उंगलियों में लगातार आ रही है सूजन तो इस बीमारी के हैं संकेत, तुरंत करें ये काम
बेगानी शादी में दो हजार रुपये के लिए दूल्हा बन गया शख्स, फेरे लेते हुए फूट गया भांडा- नहीं रुकेगी आपकी हंसी
बेगानी शादी में दो हजार रुपये के लिए दूल्हा बन गया शख्स, फेरे लेते हुए फूट गया भांडा- नहीं रुकेगी आपकी हंसी
हाई राइज बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों पर पॉल्यूशन का ज्यादा होता है असर? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हाई राइज बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों पर पॉल्यूशन का ज्यादा होता है असर? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
PHOTOS: हाथ में संविधान की किताब, भाई राहुल को प्रणाम, प्रियंका गांधी ने शपथ लेते हुए क्या कुछ कहा
PHOTOS: हाथ में संविधान की किताब, भाई राहुल को प्रणाम, प्रियंका गांधी ने शपथ लेते हुए क्या कुछ कहा
Embed widget