Story Of Katchatheevu Island: उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 मार्च) कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को देने को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था, “नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया. इससे हर भारतीय में गुस्सा है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते. भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 वर्षों से काम करने और आगे बढ़ने का तरीका रहा है."


रैली में पीएम मोदी ने किया कच्चातिवु द्वीप का जिक्र


मेरठ में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा, "आज कांग्रेस का एक और देश विरोधी कृत्य देश के सामने आया है. कच्चातिवु द्वीप जो भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, आजादी के बाद कांग्रेस ने इसे श्रीलंका दे दिया था. जब देश आजाद हुआ तो यह द्वीप हमारे पास था, लेकिन 4-5 दशक पहले कांग्रेस ने इसका एक हिस्सा भारत से काटकर अलग कर दिया. भारत अभी भी कांग्रेस सरकार के गलत कामों की कीमत चुका रहा है."


कच्चातिवु द्वीप कहां है?


163 एकड़ का क्षेत्र का कच्चातिवु द्वीप भारत और श्रीलंका में रामेश्वरम के बीच पाक समुद्र-संधि में स्थित है. इसका उपयोग पारंपरिक रूप से दोनों देशों के मछुआरे किया करते हैं. शुरुआत में यह मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था. तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की ओर से भारत-श्रीलंकाई समुद्री समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 1974 में कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका का हिस्सा बन गया. 


मल्लिकार्जुन खरगे पीएम मोदी को दिया जवाब


इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहा कि कच्चातिवु द्वीप साल 1974 में  एक मैत्रीपूर्ण समझौते के तहत श्रीलंका को दिया गया था. उन्होंने मोदी सरकार को याद दिलाया कि उन्होंने भी सीमा पर कब्जे के बदले में बांग्लादेश के साथ इसी तरह का मैत्रीपूर्ण कदम उठाया था.


पीएम मोदी मोदी के आरोपों पर सवाल उठाते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट क्यों दी.


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